सीहोर : कुबुरेश्वरधाम पर पहुंचे तीन लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने ली गुरु दीक्षा - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

रविवार, 21 जुलाई 2024

सीहोर : कुबुरेश्वरधाम पर पहुंचे तीन लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने ली गुरु दीक्षा

  • गुरु शब्द का अभिप्राय है अंधेरे से उजाले की ओर ले जाने वाला : अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा

Kubereshwardham-sehore
सीहोर। इंसान से नहीं ईश्वर से जुडऩे का प्रयास करें, सच्चा गुरु वहीं है जो आपको सत्संग और पवित्र विचारों से भगवान की ओर ले जाए, शिवालय-देवालय की ओर ले जाए, गुरु शब्द का अभिप्राय है अंधेर से उजाले की ओर ले जाने वाला, हमारे देश में परम्परागत से गुरु व्यास जी सहित 88 हजार गुरुओं की परम्परा रही है। वैसे मनुष्य जीवन में चार गुरुओं का महत्व है। उक्त विचार जिला मुख्यालय के समीपस्थ चितावलिया हेमा स्थित निर्माणाधीन मुरली मनोहर एवं कुबेरेश्वर महादेव मंदिर में रविवार को एक दिवसीय गुरु पूर्णिमा महोत्सव के दौरान गुरु चर्चा के दौरान अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहे। इस मौके पर विधायक सुदेश राय, वरिष्ठ समाजसेवी श्रीमती अरुणा राय सहित अनेक श्रद्धालुओं ने आशीर्वाद लिया। रविवार को एक दिवसीय गुरु पूर्णिमा का पर्व आस्था और उत्साह के साथ मनाया गया। इस मौके पर सुबह भागवत भूषण पंडित प्रदीप मिश्रा ने मंदिर परिसर में लाखों श्रद्धालुओं के मध्य आरती की ओर उसके पश्चात सुबह नौ बजे से गुरु दीक्षा का भव्य कार्यक्रम और भंडारे का आयोजन देर रात्रि तक जारी रहा। इस मौके पर विठलेश सेवा समिति के व्यवस्थापक समीर शुक्ला, पंडित विनय मिश्रा, आशीष वर्मा, मनोज दीक्षित मामा, पंडित शिवम मिश्रा, आकाश शर्मा आदि ने यहां पर आने वाले करीब तीन लाख से अधिक श्रद्धालुओं को पेयजल के अलावा प्रसादी का वितरण किया। उन्होंने कहा कि मानव जीवन तभी सार्थक है जब वह परमात्मा को जानने में अपनी ऊर्जा खत्म करे, क्योंकि भक्ति ज्ञान के बिना हम किसी से प्रेम नहीं कर सकते। परम ब्रम्ह का दर्शन कर ही आत्मा का परमात्मा से मेल संभव है। ईश्वर की प्राप्ति मनुष्य जीवन में संभव है, अन्य जन्मों में नहीं। मनुष्य को एकाग्रता से ईश्वर का नाम सिमरना चाहिए। वर्तमान में मानव ईश्वर की प्राप्ति के लिए सरल से सरल साधन ढूंढने के प्रयास में रहता है। भक्ति बिना ईश्वर की कामना करना असंभव है। इसके लिए सच्चे मन से तप की आवश्यकता है।


गुरु माध्यम है ईश्वर प्राप्ति का

पंडित श्री मिश्रा ने कहा कि मानव की देह हमें पुण्य से प्राप्त होती है और इस जीवन को सार्थक करना है तो सद्गुरु के पास जाए, गुरु वह तत्व है, जो अज्ञान के स्वरूप में फैले अंधेरे का नाश करके ज्ञान के तेज का प्रकाश फैलाता है। ऐसे सद्गुरु का आशीष और सान्न्ध्यि पाने के लिए गहरी चाहत और उनके चरणों में अपना सर्वस्व समर्पण करने की आतुरता आवश्यक है। जो मनुष्य सद्गुरु के श्रीचरणों में भक्तिपूर्वक स्वयं को न्यौछावर करने की इच्छा लिए आगे बढ़ते हैं, वे ही गुरु के आशीर्वाद का सच्चा आनंद पाते हैं।

कोई टिप्पणी नहीं: