- राजधानी पटना में निकला आक्रामक मार्च, मुख्यमंत्री के नाम जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन
मुख्यमंत्री को सौंपा गया ज्ञापन
राज्य में अपराध की बढ़ती घटनाओं ने पूरे बिहार को झकझोर दिया है, जैसे राज्य में कानून नाम की कोई चीज रह ही नहीं गई है. गया, नवादा, सिवान, मुजफ्फरपुर, सारण, पूर्वी चंपारण, सासाराम, गोपालगंज आदि जिलों में अपराध की घटनाओं में चिंताजनक वृद्धि हुई है. हालत यहां तक पहुंच गई है कि राजधानी पटना और उसके आस-पास के इलाकों में भी अपराधी पूरी तरह बेलगाम हो गए हैं. विगत कुछ दिनों में दो दर्जन से अधिक हत्या के मामले सामने आए हैं. सबसे हालिया प्रकरण में इंडिया गठबंधन के घटक दल वीआईपी प्रमुख श्री मुकेश सहनी के 67 वर्षीय वृद्ध पिता की जिस नृशंसता से हत्या की गई, वह साबित करता है कि कानून-व्यवस्था का कोई खौफ अपराधियों को नहीं रह गया है. यह बेहद चिंताजनक है. बिहार का आम नागरिक आज भय व आतंक के साए में जीने को मजबूर हैं.
एक तरफ अपराधी बेलगाम हैं, तो दूसरी ओर सामंती ताकतों का भी मनोबल सर चढ़कर बोल रहा है. दलितोें-महिलाओं और अल्पसंख्यक समुदाय को खासतौर पर निशाना बनाया जा रहा है. यहां पर दलित उत्पीड़न की कुछ घटनाओं का उल्लेख करना प्रसांगिक होगा. गया जिले के टिकारी प्रखंड के चिरैला मांझी में संजय मांझी का सामंतों-भूस्वामियों ने उस वक्त तलवार से हाथ काट डाला, जब वे गरीबों की जमीन पर भूस्वामियों के कब्जे का विरोध कर रहे थे. मुज्फरपुर में भाजपा समर्थित सामंती ताकतों ने संजीत मांझी पर जानलेवा हमला किया, उनके शरीर को चाकू से गोद दिया और उसका विरोध करने पर उनकी पत्नी को भद्दी-भद्दी गालियां देते हुए निर्वस्त्र करने का प्रयास किया. भूस्वामियों ने संजीत मांझी के मुंह में पेशाब करने का पाशविक काम किया. नवादा जिले में 50 वर्षीय पप्पू मांझी की भी हत्या का मामला सामने आया है. उसी प्रकार मासूम बच्चियों, नाबालिग लड़कियों और महिलाओं के साथ बलात्कार की घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि हुई है. औरंगाबाद, भागलपुर, बेतिया, सासाराम, बेगूसराय, मोतिहारी, वैशाली, कटिहार, मुजफ्फरपुर, गया आदि तमाम जिलों से बलात्कार की घटनाओं की लगातार रिपोर्र्टें आ रही हैं. मुर्हरम के मौके पर राज्य में जगह-जगह मुस्लिम समुदाय के युवकों को निशाना बनाया गया. कुछ लोगों की गिरफ्तारी भी हुई है. अतः आज के प्रदर्शन के माध्यम से हम राज्य में अपराध और दलितों-महिलाओं व अल्पसंख्यक समुदाय पर हिंसा की लगातार बढ़ती घटनाओं पर अविलंब रोक लगाने की मांग करने आए हैं. प्रशासन मुस्तैदी से अपराधियों की तत्काल गिरफ्तारी करे ताकि भय व आतंक का माहौल खत्म हो.
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