पटना : बढ़ते अपराध और गिरती कानून व्यवस्था के खिलाफ इंडिया गठबंधन का प्रतिरोध मार्च - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 20 जुलाई 2024

पटना : बढ़ते अपराध और गिरती कानून व्यवस्था के खिलाफ इंडिया गठबंधन का प्रतिरोध मार्च

  • राजधानी पटना में निकला आक्रामक मार्च, मुख्यमंत्री के नाम जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन

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पटना 20 जुलाई, चुनाव उपरांत राज्य के अंदर बढ़ते अपराध और लगातार गिरती कानून व्यवस्था के खिलाफ इंडिया गठबंधन के आह्वान पर आज राज्यव्यापी प्रतिरोध मार्च का आयोजन किया गया. राजधानी पटना सहित जहानाबाद, अरवल, नवादा, पूर्वी चंपारण, आरा, दरभंगा, मुजफ्फरपुर आदि तमाम सेंटरों पर प्रदर्शन किया गया. पटना में वीरचंद पटेल पथ से भाकपा-माले, राजद, कांग्रेस, सीपीआई, सीपीएम और वीआइपी से जुड़े कार्यकर्ताओं ने झंडे-बैनर के साथ लगभग हजार की संख्या में जुलूस निकाला. प्रदर्शनकारी इनकम टैक्स तथा डाकबंगला चैराहे पर लगाए गए बैरिकेड को तोड़ते हुए आगे बढ़ते गए. बाद में मुख्यमंत्री के नाम संबोधित एक ज्ञापन पटना जिलाधिकारी को सौंपा गया. ज्ञापन में मुख्य रूप से राज्य में चिंताजनक रूप से लगातार बढ़ रही आपराधिक घटनाओं पर रोक लगाने की मांग की गई. वीआईपी प्रमुख श्री मुकेश सहनी के 67 वर्षीय वृद्ध पिता की नृशंस हत्या के मामले को भी उठाया गया. साथ ही चुनाव बाद दलित समुदाय पर सामंती हिंसा की घटनाओं पर भी ध्यानाकृष्ट कराया गया. मांग पत्र में गया, नवादा, मुजफ्फरपुर आदि जगहों पर हाल ही में सामंती ताकतों द्वारा महादलितों की हत्या, महिला को निर्वस्त्र कर घुमाने, मंुह में पेशाब करने, बलात्कार, मुजफ्फरपुर ठगी, माॅब लिंचिंग की घटनाओं को उठाया. पटना जिले में अपराध की घटनाओं की एक विस्तृत सूची सौंपी गई. मार्च का नेतृत्व भाकपा-माले विधायक दल के नेता महबूब आलम, सत्यदेव राम, गोपाल रविदास, शशि यादव; कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह व विधायक दल के नेता शकील अहमद खा; राजद के जिला अध्यक्ष दीनानाथ सिंह, सीपीआई के रामलला सिंह, सीपीएम के सर्वोदय शर्मा, वीआइर्पी के जिलाध्यक्ष अर्जुन सहनी कर रहे थे. मार्च में माले के पोलित ब्यूरो सदस्य, अमर, अभ्युदय, संदीप सौरभ, रणविजय कुमार, कमलेश शर्मा, उमेश सिंह; राजद के महानगर अध्यक्ष आफताब आलम; सीपीआई के विश्वजीत कुमार, सीपीएम के मनोज चंद्रवंशी व सोनेलाल प्रसाद, कांग्रेस के पटना अध्यक्ष शशि रंजन यादव, वीआइपी के आनंद ठाकुर आदि प्रमुख रूप से शामिल थे.


मुख्यमंत्री को सौंपा गया ज्ञापन

राज्य में अपराध की बढ़ती घटनाओं ने पूरे बिहार को झकझोर दिया है, जैसे राज्य में कानून नाम की कोई चीज रह ही नहीं गई है. गया, नवादा, सिवान, मुजफ्फरपुर, सारण, पूर्वी चंपारण, सासाराम, गोपालगंज आदि जिलों में अपराध की घटनाओं में चिंताजनक वृद्धि हुई है. हालत यहां तक पहुंच गई है कि राजधानी पटना और उसके आस-पास के इलाकों में भी अपराधी पूरी तरह बेलगाम हो गए हैं. विगत कुछ दिनों में दो दर्जन से अधिक हत्या के मामले सामने आए हैं. सबसे हालिया प्रकरण में इंडिया गठबंधन के घटक दल वीआईपी प्रमुख श्री मुकेश सहनी के 67 वर्षीय वृद्ध  पिता की जिस नृशंसता से हत्या की गई, वह साबित करता है कि कानून-व्यवस्था का कोई खौफ अपराधियों को नहीं रह गया है. यह बेहद चिंताजनक है. बिहार का आम नागरिक आज भय व आतंक के साए में जीने को मजबूर हैं.


एक तरफ अपराधी बेलगाम हैं, तो दूसरी ओर सामंती ताकतों का भी मनोबल सर चढ़कर बोल रहा है.  दलितोें-महिलाओं और अल्पसंख्यक समुदाय को खासतौर पर निशाना बनाया जा रहा है. यहां पर दलित उत्पीड़न की कुछ घटनाओं का उल्लेख करना प्रसांगिक होगा. गया जिले के टिकारी प्रखंड के चिरैला मांझी में संजय मांझी का सामंतों-भूस्वामियों ने उस वक्त तलवार से हाथ काट डाला, जब वे गरीबों की जमीन पर भूस्वामियों के कब्जे का विरोध कर रहे थे. मुज्फरपुर में भाजपा समर्थित सामंती ताकतों ने संजीत मांझी पर जानलेवा हमला किया, उनके शरीर को चाकू से गोद दिया और उसका विरोध करने पर उनकी पत्नी को भद्दी-भद्दी गालियां देते हुए निर्वस्त्र करने का प्रयास किया. भूस्वामियों ने संजीत मांझी के मुंह में पेशाब करने का पाशविक काम किया. नवादा जिले में 50 वर्षीय पप्पू मांझी की भी हत्या का मामला सामने आया है. उसी प्रकार मासूम बच्चियों, नाबालिग लड़कियों और महिलाओं के साथ बलात्कार की घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि हुई है. औरंगाबाद, भागलपुर, बेतिया, सासाराम, बेगूसराय, मोतिहारी, वैशाली, कटिहार, मुजफ्फरपुर, गया आदि तमाम जिलों से बलात्कार की घटनाओं की लगातार रिपोर्र्टें आ रही हैं. मुर्हरम के मौके पर राज्य में जगह-जगह मुस्लिम समुदाय के युवकों को निशाना बनाया गया. कुछ लोगों की गिरफ्तारी भी हुई है. अतः आज के प्रदर्शन के माध्यम से हम राज्य में अपराध और दलितों-महिलाओं व अल्पसंख्यक समुदाय पर हिंसा की लगातार बढ़ती घटनाओं पर अविलंब रोक लगाने की मांग करने आए हैं. प्रशासन मुस्तैदी से अपराधियों की तत्काल गिरफ्तारी करे ताकि भय व आतंक का माहौल खत्म हो.

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