- हक दो-वादा निभाओ अभियान को सफल बनाने का किया गया आह्वान
राज्य सचिव कुणाल ने कहा कि पार्टी ने सदस्यता भर्ती अभियान और ब्रांचों को संगठित करने के काम को फोकस किया है. वहीं दूसरी ओर गरीबों की दावेदारी मजबूत करने व उनके अधिकार की लड़ाई को आगे बढ़ाने के लिए हक दो-वादा निभाओ अभियान चलाने का भी फैसला किया है. जाति आधारित सर्वेक्षण के उपरांत राज्य के तकरीबन 95 लाख महागरीब परिवारों को लघु उद्यमी योजना के तहत 2 लाख रु. की सहायता राशि की सरकारी घोषणा की बात मुख्यमंत्री ने सदन के अंदर तो कही, लेकिन हकीकत में कुछ नहीं हो रहा है. इस राशि के लिए 72 हजार रु. से कम वार्षिक आमदनी के आय प्रमाण की शर्त लगा दी गई है जबकि प्रशासन 1 लाख रु. से नीचे का प्रमाण पत्र जारी नहीं कर रहा है. जब सरकार के पास पहले से 95 लाख महागरीब परिवारों का डाटा उपलब्ध है तो फिर आय प्रमाण पत्र क्यों मांगा जा रहा है? सरकार की ओर से जारी लघु उद््यमों की सूची में पशुपालन जैसा महत्वपूर्ण क्रियाकलाप शामिल ही नहीं है, जो गरीबों के जीवन-जिंदगानी का सबसे बड़ा सहारा है. इस प्रश्न के अलावा किसानों, महिलाओं, छात्र-युवाओं, विकास के विभिन्न मुद्दों, बिहार के विशेष राज्य का दर्जा, 65 प्रतिशत आरक्षण को संविधान की अनुसूची में डालने, पूरे देश में जाति गणना करवाने, आवास भूमि के लिए भूमिहीनों को 5 डिसमिल जमीन देने, देश में लोकतंत्र व संविधान बचाने के सवालों को आंदोलन का विषय बनाया जाएगा. 15 अगस्त तक सघन ग्राम बैठक करके 2 लाख रु. अनुदान की राशि के लिए आय प्रमाण पत्र और 5 डिसमिल जमीन व पक्का मकान के लिए आवेदन भरवाकर 21, 22 व 23 अगस्त को अंचलाधिकारी के समक्ष प्रदर्शन किया जाएगा. सितंबर महीने में प्रखंड स्तर पर किसान, महिला, छात्र-युवा, विकास और लोकतंत्र के सवाल पर जनसंवाद आयोजित किए जाएंगे. अक्टूबर के अंत या नवंबर मध्य तक उपरोक्त तमाम विषयों केा जोड़कर हरेक प्रखंड में बड़ी सभाएं व प्रदर्शन आयोजित किए जाएंगे. ऐसा करके ही गरीबों की दावेदारी को मजबूती मिलेगी और पार्टी का व्यापक विस्तार होगा तथा फासीवादी भाजपा से मुकाबला में हमें ताकत मिलेगी.
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