कविता : वो बिजली सी चमकती - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 23 अगस्त 2024

कविता : वो बिजली सी चमकती

वो बिजली सी गरजती,

वो है एक चमकता सितारा,

वो लड़कियां भी आगे बढ़ेंगी, 

और फिर देखेगा सारा जमाना,

वो लड़ना भी सीखेगी,

जिसे झेलेगा सारा जमाना,

अब तक हवा बनकर चली थी,

अब उसका तूफ़ान देखेगा ज़माना,

बेटियों पर होने वाली रोक-टोक को,

अब बंद करना ही अच्छा होगा,

जिस अंधेरे में धकेला है उसे,

वहीं से अब एक उजाला होगा,

नहीं डरेगी वो किसी से अब,

हर मुसीबत का डट कर सामना होगा।।




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करीना दोसाद

गरुड़, बागेश्वर

उत्तराखंड

चरखा फीचर

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