कविता : कई तानें, कई बातें सहनी पड़ती हैं - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 23 अगस्त 2024

कविता : कई तानें, कई बातें सहनी पड़ती हैं

कई ताने, कई बातों को ज़िंदगी में सहना पड़ता है,

कभी ख़ुद को ग़लत और दुनिया को सही बताना पड़ता है,

मतलब की भरी इस दुनिया में तकलीफों का फ़साना है,

कभी कभी तकलीफ़ों में भी मुस्कुराना पड़ता है,

ना जाने कितनी ख़ुशियों को यहां दफन किया है,

एक झूठी मुस्कान के साथ, हर रोज़ जीना पड़ता है,

हर एक दुख, हर एक दर्द को छुपा कर,

कभी तकलीफों में भी मुस्कुराना पड़ता है,

जो संभालता है सबकी खुशियां इस दुनिया में,

उसकी खुशियां फिर कहां कोई संभालता है,

अपनी खुशियों और इच्छाओं की बलि देकर,

इसी तरह हर तकलीफ़ों में मुस्कुराना पड़ता है।।




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माया गोस्वामी

गरुड़, उत्तराखंड

चरखा फीचर

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