- सत्संग जीवन को निर्मल और पवित्र बनाता है : पंडित शिवम मिश्रा
सीहोर। जिला मुख्यालय के समीपस्थ चितावलिया हेमा स्थित निर्माणाधीन मुरली मनोहर एवं कुबेरेश्वर महादेव मंदिर में जारी सात दिवसीय श्रीमद भागवत कथा के दूसरे दिन पंडित शिवम मिश्रा ने राजा परीक्षित जन्म, शुकदेव भगवान का आगमन, शिव पार्वती विवाह की कथा सुनाई गई। उन्होंने कहा कि आत्मा का भोजन सत्संग, स्वाध्याय और संध्या है। सत्संग जीवन को निर्मल और पवित्र बनाता है। यह मन के बुरे विचारों व पापों को दूर करता है। सत्संगति मूर्खता को हर लेती है, वाणी में सत्यता का संचार करती है। दिशाओं में मान-सम्मान को बढ़ाती है, चित्ता में प्रसन्नता को उत्पन्न करती है और दिशाओं में यश को विकीर्ण करती है। वस्तुत सत्संगति मनुष्य का हर तरह से कल्याण करती है। कथा के दूसरे दिन पंडित दीपक मिश्रा, विनय मिश्रा, समीर शुक्ला आदि समिति के श्रद्धालुओं ने आरती की। इस मौके पर भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह उत्साह मनाया गया। पंडित श्री मिश्रा ने कहा कि भागवत कथा का श्रवण करने से हमारे पापों का अंत होता है, भागवत वही अमर कथा है, जिसे भगवान शिव ने माता पार्वती को सुनाया था। कथा सुनना भी सबके भाग्य में नहीं होता है, जब भगवान भोलेनाथ से माता पार्वती ने अमर कथा सुनाने की प्रार्थना की तो बाबा भोलेनाथ ने कहा कि जाओ पहले यह देखकर आओ की कैलाश पर तुम्हारे या मेरे अलावा कोई और तो नहीं है। क्योंकि, यह कथा सबके नसीब में नहीं होती है। माता ने पूरे कैलाश पर नजर दौड़ाई, लेकिन उनकी नजर शुक के अपरिपक्व अंडों पर नहीं पड़ी। भगवान शंकर ने पार्वती को जो अमर कथा सुनाई वह भागवत कथा ही थी। लेकिन, कथा के बीच ही माता पार्वती को नींद आ गई और शुक ने पूरी कथा सुन ली। दूसरे दिन भागवत कथा में अमर कथा व शुकदेव के जन्म का वृतांत विस्तार से सुनाया।
पूर्व जन्मों के पाप का ही प्रभाव होता है कि कथा बीच में छूट जाती
उन्होंने कहा कि पूर्व जन्मों के पाप का ही प्रभाव होता है कि कथा बीच में छूट जाती है। भगवान की कथा मन से नहीं सुनने से जीवन में धार्मिकता नहीं आ पाती। कथा सुनने से चित्त पिघलता है और पिघला चित ही भगवान को अपने में बसा सकता है। श्री शुक देव द्वारा चुपके से अमर कथा सुन लेने के कारण जब भोले बाबा शंकर ने उन्हें मारने के लिए दौड़ाया तो वह एक ब्राह्मणी के गर्भ में छुप गए। कई वर्षों बाद व्यास के निवेदन पर भगवान शंकर इस पुत्र के ज्ञानवान होने का वरदान देकर चले गए।
आज वामन अवतार और नरसिंह अवतार मनाया जाएगा
विठलेश सेवा समिति के मीडिया प्रभारी प्रियांशु दीक्षित ने बताया कि गुरुदेव पंडित प्रदीप मिश्रा के भतीजे पंडित शिवम मिश्रा की पहली कथा के कथा के तीसरे दिन भक्त धु्रव, नरसिंह अवतार, वामन अवतार के अलावा अन्य प्रसंगों का वर्णन किया जाएगा।
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