सीहोर : कुबेरेश्वरधाम की कावड यात्रा ने तोड़े सारे रिकार्ड, लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंच - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 17 अगस्त 2024

सीहोर : कुबेरेश्वरधाम की कावड यात्रा ने तोड़े सारे रिकार्ड, लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंच

  • कावड यात्रा हुई महाकुंभ में तब्दील सीवन नदी तट से कुबेरेश्वरधाम पर रात्रि बारह बजे से दूसरे दिन तक लगा रहा सडक़ पर भक्तों का सैलाब
  • रास्तेभर होती रही कावडिय़ा पर पुष्प वर्षा, 11 किमी तक 300 से अधिक स्थानों पर दिल खोकर क्षेत्रवासियों ने किया स्वागत

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सीहोर। प्रतिवर्ष अनुसार इस वर्ष भी विठलेश सेवा समिति के तत्वाधान में इस वर्ष भी शहर के जीवनदायिनी सीवन नदी से जिला मुख्यालय के समीपस्थ चितावलिया हेमा स्थित निर्माणाधीन मुरली मनोहर एवं कुबेरेश्वर महादेव मंदिर में तक करीब 11 किलोमीटर निकाली गई कावड़ यात्रा ने सारे रिकार्ड तोड दिए है। लाखों की संख्या में श्रद्धालु भागवत भूषण पंडित प्रदीप मिश्रा के साथ पैदल चलकर यहां पर भगवान शिव का अभिषेक किया। पूरे देश के कोने-कोने से आए श्रद्धालु कांवड लेकर भगवान शिव के जयकारें के साथ चल रहे थे, शहर में दो घंटे और इंदौर-भोपाल हाई वे पर लगातार पांच घंटे तक जाम की स्थिति निर्मित रही। सबसे आकर्षण कांवड महाराष्ट्र के अमरावती से आए सैकड़ों कांवड यात्रियों की रही, जो कांवड के साथ शिव परिवार की झांकियों को कंधे पर सवार कर 500 किलोमीटर का सफर तय कर धाम पर पहुंचे थे। इस मौके पर समिति के प्रबंधक पंडित समीर शुक्ला, पंडित विनय मिश्रा और मनोज दीक्षित मामा आदि ने अमरावती से आए श्रद्धालुओं का पुष्प माला पहनाकर स्वागत किया। यह कांवड महाराष्ट्र से छह दिन पहले चली थी और शुक्रवार की देर रात्रि को शहर में पहुंची और रात्रि में जागरण कर सुबह ऐतिहासिक यात्रा के साथ शामिल रहे। शनिवार की सुबह भागवत भूषण पंडित श्री मिश्रा ने सीवन नदी घाट पर पहुंचकर विधि-विधान से पूजन अर्चना के बाद कावड़ भरी और उसके बाद लगातार छह घंटे पैदल चलने के बाद मंदिर परिसर में पहुंचे यहां पर अभिषेक और आरती का आयोजन किया गया।


कांवड़ महाकुंभ सकुशल संपन्न

 कांवड़ महाकुंभ सकुशल संपन्न हो गया है। इस साल की कांवड़ यात्रा ने रिकॉर्ड तोड़ दिए है। देश के कोने-कोने से आए विभिन्न श्रद्धालुओं में सबसे अधिक संख्या में डाक कांवडिय़ों की भीड़ उमड़ी है। सीवन नदी घाट पर मोटर बोट और अन्य संसाधनों की सुविधा रखने के निर्देश दिए थे। देशभर से श्रद्धालु सीहोर पहुंचे। शहर की धर्मशालाएं, बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन पर श्रद्धालुओं भीड़ ही नजर आ रही थी, भीड़ को नियंत्रण करने के लिए पूरे मार्ग पर पुलिस के जवानों की व्यवस्था की गई थी, इसके बाद भी कई बार हाई पर जाम जैसी स्थिति बनी रही।


11 किलोमीटर डीजे, ढोल के साथ निकली यात्रा

कावड़ यात्रा 11 किलोमीटर तक निकाली गई। इस दौरान 300 से अधिक स्थानों पर कावड़ यात्रा की भव्य अगवानी की गई। कावड़ यात्रा को लेकर भव्य तैयारियां भी की गई थीं। यात्रा में शामिल होने के लिए दो-तीन दिन पहले से ही कुबेरेश्वर धाम पर कावडिय़ों का जमावड़ा भी लगने लगा था। दूर-दूर से कावड़ लेकर यात्री यहां पहुंचे। इसके बाद सभी कावड़ यात्रा में शामिल हुए। कावड़ यात्रा में दो दर्जन से अधिक डीजे और एक दर्जन झांकिया भी शामिल रहे।  हर-हर महादेव के जयकारों के साथ पूरा वातावरण शिवमय हो गया।


जीवनदायिनी मां सीवन नदी का उत्थान

कावड़ यात्रा के अवसर पर पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि कावड़ यात्रा का उद्देश्य जहां सीहोर नगर की जीवनदायिनी मां सीवन नदी का उत्थान है तो वहीं कावड़ से भगवान शिव पर जल चढ़ाने का महत्व भी है। सभी भक्त जल अपने-अपने गांव, अपने-अपने शहर, अपने-अपने घरों में स्थित शिवलिंग पर जरूर चढ़ाए। उन्होंने कहा कि जो भी भक्त श्रद्धाभाव से भगवान भोलेनाथ शिव बाबा की पूजा-अर्चना करते हैं, जल चढ़ाते हैं उन पर बाबा अवश्य कृपा करते हैं। इस बार जो सावन में संयोग बन रहा है वो 72 साल बाद आया है। सावन की शुरुआत  गत 22 जुलाई सोमवार को हुई और सावन समाप्त भी 19 अगस्त सोमवार के दिन होगा। पंडित प्रदीप मिश्रा के निर्देशानुसार क्षेत्रवासी और सभी समाजजन अपने-अपने स्तर से लगे रहे। कावड़ यात्रा में अनेक साधु-संत, जनप्रतिनिधि सहित हजारों की संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। यात्रा के आयोजन को लेकर समिति के लोग कावड़ यात्रा को सकुशल संपन्न कराने के लिए जोर-शोर से तैयारियों में लगे रहे। सभी के सहयोग से भव्य कावड़ यात्रा ने इतिहास बनाया। पंडित श्री मिश्रा ने कांवड यात्रा की सफलता के लिए जिला प्रशासन, शहर और ग्रामीण क्षेत्र के सभी जनप्रतिनिधियों के अलावा सामाजिक संगठन, संस्थान, क्लब आदि ने सहयोग किया है।


क्षेत्रवासियों के लिए संजीवनी साबित हुई कांवड यात्रा

पिछले दो दिनों से लाखों की संख्या में श्रद्धालु शहर में पहुंचे थे, इस मौके पर आस्था के साथ आर्थिक रूप से संजीवनी देने वाली कांवड यात्रा ने हमारे क्षेत्र का नाम राष्ट्रीय स्तर पर रोशन किया। हर तरफ कुंभ सा माहौल निर्मित हो गया था, कांवड यात्रियों के लिए क्षेत्रवासी ने दिल खोकर नाश्ते, फल, भोजन, खिचड़ी और पेयजल आदि की व्यवस्था यात्रा के दौरान की। हर तरफ सहयोग की भावना देखने को मिली। कांवड़ यात्रा में शामिल महिलाओं ने केशरिया, पीले रंग की साड़ी पहनी जबकि पुरुषों को भगवा रंग के गमछे के अलावा कार्यकर्ता समिति की टी-शर्ट में नजर आए।

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