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रविवार, 11 अगस्त 2024

सरकार न्यूनतम पेंशन को बढ़ाकर तीन हजार रूपए कर देगे, जो 10 साल के बाद आजतक नहीं हुआ

Pension-encrease
पटना, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के पूर्व प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने चुनाव 2014 में कहा करते थे कि जब बीजेपी की सरकार सत्ता में आएगी,तब सरकार न्यूनतम पेंशन को बढ़ाकर तीन हजार रूपए कर देगे.जो 10 साल के बाद आजतक नहीं हुआ.वहीं लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न्यूनतम पेंशन के बारे में बढ़ाचढ़ाकर अभिभाषण दे दिए. बात 10 फरवरी 2021 की है.लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईपीएस 95 पेंशन धारकों के लिए न्यूनतम पेंशन 1000 रुपये करने का उल्लेख किया.उन्होंने कहा, “2014 से पहले किसी को (ईपीएस) पेंशन 7 रुपये मिल रही थी, किसी को 25 रुपये तो किसी को 50 रुपये, किसी को 250 रुपये मिल रही थी. ये सब देश में चल रहा था. मैंने कहा कि इन पैसों को लेने जाने के लिए भी ऑटो रिक्शा में इससे ज्यादा पैसे खर्च होता होगा. किसी ने मुझसे मांग नहीं की थी.किसी मजदूर संगठन ने मुझे आवेदन नहीं दिया था. फिर भी हमने उन्हें न्यूनतम 1000 रुपये देने का फैसला किया, जबकि हमसे किसी ने मांगा नहीं था.”

    

इस संदर्भ में पेंशनधारकों का कहना है कि प्रधानमंत्री जी, आपने कृपा करके पेंशन की न्यूनतम राशि को 1000 रुपए किया, लेकिन यह बताना भूल गए कि इस छोटी सी राशि में वृद्धा पेंशन धारक कैसे गुजारा करेंगे. एक ने कहा कि “मैं अस्सी साल का वृद्ध नागरिक हूं.मुझे सिर्फ 1112 रुपये पेंशन मिलता है. मेडिकल सुविधाओं के लिए दूसरों पर निर्भर रहना पड़ता है. 40 साल काम करने के बाद मेरी स्थिति बुरी हो गई है. सरकार को अवश्य ही पेंशन बढ़ाना चाहिए.” “कोई भी ये क्यों नहीं समझता कि हम कोई दया या भीख नहीं मांग रहे. हम हमारा हक मांग रहे हैं. हमारा बीस-बाईस साल तक पैसा काटा है सरकार ने और उसे ही देने में आनाकानी कर रही है.इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भी हमारे पक्ष में फैसला दिया है फिर भी केंद्र की मोदी सरकार अड़ंगा लगाकर बैठी है.आखिर क्या चाहती है सरकार? क्या कोई भी परिवार 2000, 2500 या 3000 प्रति माह में गुजारा कर सकता है?”  “इस सरकार ने पिछले 10 साल से पेंशनभोगियों की दुर्दशा के बारे में कुछ भी नहीं सोचा और ना ही कुछ किया. हमारे विचार से यह सरकार आगे भी सही नियत से कुछ नहीं करने वाली.यह कोई भी सोच सकता है कि 2000 रुपये के अंदर महीने भर का गुजारा पेंशन भोगी कैसे कर सकते हैं? इतनी छोटी सी बात को आज तक सरकार समझ नहीं पाई. 30-35 साल की नौकरी के बाद पेंशन भोगियों को और अर्ध सरकारी कर्मचारी केवल 2000 पेंशन मिलती है. कितनी लज्जाजनक और दर्दनीय स्थिति है.”

    

“हर बार श्रम मंत्री एक ही जवाब देते हैं कि महंगाई नहीं है और स्व वित्तपोषित योजना है तो ईपीएफओ की स्थिति कब ठीक होगी जबकि पेंशन कोष में पैसा भरपूर है. क्यों इन वृद्ध पेंशनरों को यह योजना सरकार ने थोपी? आज तक जितनी भी हाई मॉनिटरिंग कमेटी और कोश्यारी समिति का गठन हुआ, उसे आज तक धरातल पर नहीं उतारा गया। इससे साफ है कि सरकार सौतेला व्यवहार कर रही है. अपने कर्मचारियों को बराबर पेंशन डीए दे रहे हैं तो इन्हें क्यों नहीं? सरकार शीघ्र पेंशन वृद्धि करें.”  प्रधानमंत्री जी, आपने 2014 में न्यूनतम पेंशन 1000 रुपये करके एक कदम जरूर उठाया, लेकिन यह अपर्याप्त है. पेंशनधारकों की वर्तमान स्थिति को देखते हुए, उनकी पेंशन में उचित वृद्धि की जानी चाहिए ताकि वे अपनी वृद्धावस्था में सम्मान पूर्वक जीवन व्यतीत कर सकें.यह उनका हक है, भीख नहीं। सरकार को इन पेंशनधारकों की आवाज सुननी चाहिए और तुरंत प्रभाव से उनकी पेंशन में सुधार करना चाहिए. विधायक अख्तरूल इस्लाम शाहीन ने केंद्र सरकार से कर्मचारी पेंशन योजना, 1995 ईपीएस के तहत आने वाले पेंशनभोगियों की न्यूनतम मासिक पेंशन में बढ़ोतरी की मांग की है. इस संबंध में उन्होंने केंद्रीय श्रम मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया को पत्र लिखा है.

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