कविता : सहेली हमारी मुस्कान है - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 16 अगस्त 2024

कविता : सहेली हमारी मुस्कान है

सहेली तो हमारी मुस्कान है,

बनती उससे अपनी पहचान है,

हम सबका यही कहना है,

सहेली संग हमेशा रहना है,

क्यों छोड़े हम एक दूसरे का साथ,

क्यों जाएं एक दूसरे से दूर,

सिर्फ़ स्कूल तक का सफ़र नहीं था,

हमे तो हमेशा साथ में रहना था,

एक साथ खाते और पीते हैं,

किसी को बीच में नहीं आने देते हैं,

होती छुट्टी स्कूल की तो साथ घर जाते हैं॥






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नीमा आर्य

कपकोट, बागेश्वर

उत्तराखंड

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