- भक्ति सच्ची हो तो ईश्वरीय शक्ति अवश्य सहायता करती : पंडित शिवम मिश्रा
पंडित श्री मिश्रा ने तीसरे दिन ध्रुव चरित्र, भक्त प्रह्लाद चरित्र और नरसिंह अवतार प्रसंग पर कथा सुनाई। मनुष्य को दिखावा न करते हुए भगवान को सच्चे हृदय से याद करना चाहिए। दुष्ट एवं पापियों का अंत करने के लिए भगवान को अवतार लेने पड़ते हैं। भगवान ने नरसिंह अवतार लेकर भक्त प्रहलाद की रक्षा की। वरदान प्राप्त हिरणाकश्यप का नरसिंह अवतार लेकर विनाश किया। राजा उत्तानुपाद के दो पत्नियों में एक का नाम सुनीति और दूसरी का नाम सुरुचि था। सुरुचि के कहने पर उत्तानुपाद ने सुनीति को जंगल भेज दिया था। एक दिन सुनीति का पुत्र खेलते-खेलते राज दरबार जा पहुंचा और उत्तानुपाद की गोदी में बैठ गया। सुरुचि ने उसे फटकारते हुए गोद से उतार कर भगा दिया। इससे दुखी बालक ध्रुव जगंल में तपस्या करने लगा। भीषण बारिश और आंधी, तूफान भी उसे डिगा नहीं सके। नारद मुनि के समझाने पर भी ध्रुव ने तपस्या नहीं छोड़ी। कठिन तपस्या देख भगवान ध्रुव के सामने प्रकट हुए और उन्हें ब्रह्मांड में अटल पदवी दी। आज भी ध्रुव तारा अपने स्थान पर अटल रहते हुए चमक बिखेरता है। कथा के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे, अंत में आरती कर प्रसाद वितरण किया गया।
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