- मातृभाषा को अपने दादा-दादी नाना-नानी की गोद में ही सीख सकते हैं : विनोद बछेती
- साथ ही बच्चों को आत्मनिर्भरता और आत्मरक्षा की शिक्षा देना भी बहुत आवश्यक है : अनिल त्यागी
नई दिल्ली। हम दुनियाभर की बोली भाषा पैसे दे के सीख सकते हैं, लेकिन अपनी मातृभाषा को अपने दादा-दादी, नाना-नानी की गोद में ही सीख सकते हैं l हमें उत्तराखंडी बोली के साथ-साथ वहां के संस्कार, खान-पान ,पहनाव और भाईचारा को भी अपने आने वाले पीढ़ी में जीवित रखना है l यह कहना था बुराड़ी में चल रहे ‘उत्तराखंडी बोली भाषा’ के कार्यक्रम में उपस्थित गणमान्य लोगों का जो यहाँ तीन महीने से चल रहे उत्तराखंडी बोली भाषा के समापन समारोह में उपस्थति थे । पिछले तीन महीने से बुराड़ी के शास्त्री पार्क में उत्तराखंडी बोली भाषा की कक्षाओं का आयोजन प्रत्येक रविवार को उत्तराखंड प्रवासी संगठन लोनी (एन.सी.आर.) एवं रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन (रजि.) बुराड़ी के संयुक्त संयोजन किया रहा था l समापन समारोह में मुख्य अतिथि में श्रीमान विनोद बछेती, चेयरमैन डी.पी.एम.आई.एवं क्षेत्र के माननीय निगम पार्षद श्रीमान अनिल त्यागी उपस्थित रहे। इस मौके पर बोलते हुए निगम पार्षद अनिल त्यागी ने कहा, “आज के समय में हमारी नई पीढ़ी अपनी बोली- भाषा से दूर होते जा रहे हैं,उनके लिए इस तरह की कक्षाएं खासकर शहरों में बहुत ही जरूरी है l साथ ही बच्चों को आत्मनिर्भरता और आत्मरक्षा की शिक्षा देना भी बहुत आवश्यक है।" विनोद बछेती ,चेयरमैन डी.पी.एम.आई ने इस अवसर पर कहा, “हम दुनियाभर की बोली भाषा पैसे दे के सीख सकते हैं, लेकिन अपनी मातृभाषा को अपने दादा-दादी नाना-नानी की गोद में ही सीख सकते हैं l हमें उत्तराखंडी बोली के साथ-साथ यहाँ के संस्कार, खान-पान ,पहनाव और भाईचारा को भी अपने आने वाले पीढ़ी में जीवित रखना है l अगले साल गर्मियों में हम फिर से बच्चों के लिए उत्तराखंडी बोली भाषा कक्षाएं एक नए रंग और पारूप में लेके आयेंगे। " कार्यक्रम का संचालन केंद्र प्रमुख गिरीश सत्यवली जी (अध्यक्ष) उत्तराखंड प्रवासी संगठन एवं (महासचिव) आर. डब्ल्यू. ए. द्वारा किया गया l शिक्षिकाओं में सुनीता सत्यवली, बबीता मनराल, लीला सत्यवली भी मौजूद थी l उत्तराखंडी बोली भाषा का ज्ञान ले रहे कॉलोनी के लगभग 55 बच्चों की उपस्थिति रहे Iबच्चों ने अपने द्वारा सीखी गई बोली भाषा को भी सबको सुनाया तथा अपनी गायकी व कला से सभी को मंत्रमुग्ध किया साथ ही लाजवाब उत्तराखंडी सांस्कृतिक कार्यक्रम व नृत्य कर सभी को अपनी कला का परिचय दिया ।
आज के इस समापन समारोह में कॉलोनी के गणमान्य व्यक्तियों में श्री सर्वेश ठाकुर (प्रधान आर. डब्ल्यू. ए.), हरीश भारद्वाज, डॉक्टर भारत सत्यवली, श्री बाला दत्त जोशी, नरेंद्र सिंह रौतेला, विनोद सत्यवली, श्री भूवन पपनोई, श्री देवेन्द्र कुमार, श्री गुलाब शाह , श्री शेखर कुमार, प्रेम बल्लभ शर्मा ,श्री मोहन शर्मा, दिनेश जोशी जी, श्री आनन्द सनवाल आदि एवं पूरे कॉलोनी की मातृ शक्ति की भी उपस्थिति रही । शिक्षक कक्षाओं का समापन समारोह कार्यक्रम में विभिन्न केन्द्रों के प्रमुख शिक्षक और गणमान्य मेहमानों की उपस्थिति रही जिसमें कमालपुर बुराड़ी केंद्र से जगमोहन बिष्ट उपस्थित रहे तथा नरेला केंद्र से वह नरेला वार्ड नंबर 3 की निगम माननीय निगम पार्षद श्रीमती नेहा मिश्रा वार्ड नंबर 3 होलंबी कला, श्रीबाबूलाल मिश्रा,देवभूमि उत्तराखंड एकता मंच नरेला, संरक्षक श्री चंद्र सिंह कर्तवाल,(अध्यक्ष) श्री सूरज सिंह भंडारी,श्री अशोक कुमार शाह एवं उत्तराखंड प्रवासी संगठन के श्री प्रेम सिंह नेगी , मगन सिंह रावत, सुरेश तिवारी भी आज इस समापन कार्यक्रम के साक्षी बने। तीन महीने तक चले इन उत्तराखंडी बोली भाषा में वे बच्चे जो दिल्ली में रहकर अपनी भाषा से महरूम रहे गये थे ने बड़ी तादाद में भाग लिया l बच्चों के साथ -साथ उनके माता पिता भी बच्चों के उत्साह को देखकर इन कक्षाओं में भाग ले रहें थे l हप्ते में एक दिन चलने वाले इन कक्षाओं में बच्चों को उत्तराखंडी बोली के साथ- साथ उत्तराखंड के सांस्कृतिक महत्व,संस्कार,खान-पान, पहनावा और देवभूमि की फोक गायिकी से भी रबरू कराया गया ।
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