मधुबनी : नैनो यूरिया एवं नैनो डीएपी से खेती की लागत कम होगी : जिलाधिकारी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 29 अगस्त 2024

मधुबनी : नैनो यूरिया एवं नैनो डीएपी से खेती की लागत कम होगी : जिलाधिकारी

  • जिले में कृषि ड्रोन से नैनो यूरिया एवं नैनो डीएपी छिड़काव का जीवंत प्रदर्शन एवं जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन.
  • नैनो यूरिया तथा नैनो डीएपी के छिड़काव हेतु जिले में जयनगर, मधवापुर, झंझारपुर तथा बासोपट्टी प्रखंड के चार उद्यमी को ड्रोन उपलब्ध कराया गया.

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मधुबनी (रजनीश के झा) इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोऑपरेटिव लिमिटेड (इफको)  के द्वारा 28 अगस्त, दिन बुधवार को संदीप विश्वविद्यालय के कृषि फार्म रामपट्टी, राजनगर में किसान ड्रोन के माध्यम से इफको द्वारा निर्मित नैनो यूरिया एवं नैनो डीएपी का छिड़काव एवं जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी अरविन्द कुमार वर्मा ने किसानों को बताया कि नैनो यूरिया एवं नैनो डीएपी का उपयोग करने से किसानों को खेतों में उर्वरक की मात्रा कम लगेगी तथा खेती के लागत में भी कमी आएगी. किसान बंधु नैनो यूरिया एवं नैनो डीएपी का उपयोग करें, जिससे उनके फसल पर तथा खेत में उर्वरक का प्रभाव कम पड़ेगा जिससे पर्यावरण तथा मिट्टी के स्वास्थ्य को कम क्षति होगी तथा मानव स्वास्थ्य पर भी उर्वरक के दुष्परिणाम नहीं होंगे. उन्होंने कहा कि अगर हमारे किसान नैनो उर्वरक का उपयोग करते हैं तो इससे हमारे खेतों की उर्वराशक्ति बनी रहेगी. किसान खेती की लागत एवं मजदूरों की समस्या से निदान पा सकते हैं. जिला पदाधिकारी ने किसानों को निर्देश दिया कि किसान परंपरागत तकनीक के साथ-साथ अपने खेतों में ड्रोन जैसे नवाचार नई तकनीक को भी समाहित करें, जिससे किसानों का काम आसान तथा कम लागत से खेती हो सके.


कार्यक्रम को संबोधित करते हुए इफको के राज्य विपणन प्रमुख एस.के. पालीवाल के द्वारा बताया गया कि किसान बंधु अपने खेतों में ड्रोन के माध्यम से नैनो यूरिया एवं नैनो डीएपी के छिड़काव करने से किसानों के खेती में लागत कम होगी साथ ही अभी वर्तमान में चाहे यूरिया खाद हो या डीएपी सरकार को विदेश से आयात करना पड़ता है जिसमें लागत बहुत आती है और नैनो डीएपी एवं नैनो यूरिया अपने देश की तकनीक के माध्यम से वैज्ञानिकों के द्वारा शोध करने के पश्चात इफको कंपनी के द्वारा तैयार किया गया है तथा किसानों की सहूलियत के लिए कंपनी के तरफ से जिले के उद्यमियों को किसान ड्रोन उपलब्ध कराया गया है, जिसके माध्यम से किसान आसानी से उर्वरक के साथ-साथ अन्य कीटनाशी का उपयोग भी खेतों में कर सकते हैं. उन्होंने उपस्थित किसानों को नैनो यूरिया एवं नैनो डीएपी के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी उपलब्ध कराई. उन्होंने यह भी बताया कि नैनो यूरिया का उपयोग करने से बीज के अंकुरण में वृद्धि तथा जड़ क्षेत्र का उचित विकास होता है. नैनो तकनीक से निर्मित यह उर्वरक फसलों के लिए आवश्यक पोषक तत्वों की पूर्ति कर फसल को उत्पादक बनाएगा. यह उर्वरक मिट्टी की उर्वरता को सुधारने के साथ-साथ पर्यावरण के अनुकूल भी है. किसानों के संबोधन के क्रम में उन्होंने बताया कि मधुबनी जिले में चार उद्यमियों को ड्रोन उपलब्ध कराया गया है, जो जयनगर, मधवापुर, झंझारपुर तथा बासोपट्टी प्रखंड के हैं.


कार्यक्रम में उप परियोजना निदेशक (आत्मा) राकेश कुमार राहुल ने नैनो यूरिया एवं नैनो डीएपी के छिड़काव के बारे में किसानों को विस्तृत पूर्वक जानकारी उपलब्ध करायी तथा किसानों से अनुरोध किया कि ड्रोन के माध्यम से तरल उर्वरक के साथ-साथ अन्य कीटनाशी भी प्रयोग खेतों में कर सकते हैं, जिससे आपके समय के साथ-साथ आर्थिक बचत भी होगी. कार्यक्रम में जिला कृषि पदाधिकारी ललन कुमार चौधरी, डीडीएम नाबार्ड डॉ. प्रशांत, उप परियोजना निदेशक (आत्मा) राकेश कुमार राहुल, सहायक निदेशक ( कृषि अभियंत्रण) गौतम कुमार, सहायक निदेशक (पौधा संरक्षण) राम कुमार एवं संदीप विश्वविद्यालय से जुड़े पदाधिकारी एवं कर्मी के साथ-साथ जिले के प्रगतिशील किसान महेश्वर ठाकुर, आशुतोष ठाकुर, राम सुंदर महतो, अवधेश मिश्रा, नन्द कुमार महतो, दिनेश यादव, रामाशीष महतो, रामपट्टी पंचायत के मुखिया अरूण कुमार चौधरी के साथ-साथ सैंकड़ों किसानों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई.

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