- पोशाक, मुकुट व बांसुरी से पटे दुकान, हजारों में बिक रही राधा-कृष्ण की मूर्ति, 500 से 4000 तक के झूले
थोक विक्रेता बताते हैं कि सबसे अधिक राधा-कृष्ण, लड्डू गोपाल की पोशाक, झूले, मोर पंख, मुकुट, बांसुरी की जमकर बिक्री हो रही है। होलसेल बाजारों में महीनेभर से पूरे पूर्वांचल व कुछ बिहार के खरीदार पहुंचते हैं। इस साल पोशाक की मैचिंग में ठाकुरजी की पगड़ी और अमेरिकन डायमंड के मुकुट खासे प्रचलन में है। जन्माष्टमी से पहले भक्तजन श्रीकृष्ण और राधा की पोशाक, मुकुट, हार, बांसुरी, तिलक, बिन्दी, घुंघराले बाल खरीद लिए हैं। इस बार बाजार में छीकों की भी डिमांड है। उस पर मक्खन भरी मटकी रखा जाता है। इसी मटकी को कृष्ण तोड़ कर मक्खन खाते हैं। बच्चे बांसुरी भी खूब खरीद रहे हैं। ग्रामीण अंचलों में भी इस बार भी भगवान श्री कृष्ण के साज-शृंगार से जुड़े सामान से बाजार सजे हैं. भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति, वस्त्र, मुकुट, खिलौने व अन्य सामान के कारोबार शुरू हो गये हैं. शहर के स्थायी व अस्थायी इन सामानों की दुकानों से लोग अपनी जरूरतों व सुविधा के अनुसार श्री कृष्ण जन्माष्टमी से जुड़े सामान की खरीदारी कर रहे हैं. जन्माष्टमी पर इस बार लड्डू गोपाल की मूर्ति व मुकुट का सबसे अधिक कारोबार हो रहा है. इसके अलावा बांसुरी, कड़ा, पायल, मोर पंख, मुकुट, पगड़ी, खिलौने, सुदर्शन चक्र, गाय-बछड़ा, त्रिशूल, तीर-धनुष, चप्पल, खिलौना गाड़ी, ढोलक, डाइनिंग टेबल, ऐनक, कंघी, बर्तन, मटकी व अन्य सभी तरह के सामान उपलब्ध है।
झांकी के सामान की कितनी है कीमत
मोर पंख : 20 से 35 रुपये
बांसुरी : 40 से 120 रुपये
वस्त्र : 380 से 3500 रुपये
झालर : 20 से 40 रुपये
पगड़ी : 25 से 90 रुपये
झूला : 500 से 4000 रुपये
चांदी की मूर्ति : 700 से 3000 रुपये
क्या कहते हैं ग्राहक
जन्माष्टमी की खरीदारी करने आयी एक महिला ने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण को हर साल नये कपड़े पहनाती हैं. इस बार भी भगवान के लिए नये कपड़े खरीदे हैं. उसने बताया कि कुछ नये जेवर और सजावट के सामान खरीदेंगी. ताकि जन्माष्टमी धूमधाम से मना सके. उन्होंने अपने घर के मंदिर में श्रीकृष्ण की बड़ी मूर्ति स्थापित की है. हर साल की तरह श्रीकृष्ण जन्मोत्सव धूमधाम से मनायेंगी.
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