मधुबनी : उर्दू अमन और शांति का पैगाम देने वाली भाषा : जिलाधिकारी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 24 अगस्त 2024

मधुबनी : उर्दू अमन और शांति का पैगाम देने वाली भाषा : जिलाधिकारी

  • जिलाधिकारी अरविन्द कुमार वर्मा ने किया उर्दू वाद-विवाद प्रतियोगिता का उद्घाटन

Urdu-debate-compitition
मधुबनी ( रजनीश के झा) नगर के डीआरडीए (विकास भवन) सभा कक्ष में जिलाधिकारी अरविन्द कुमार वर्मा ने उर्दू भाषा कोषांग द्वारा आयोजित वाद-विवाद प्रतियोगिता का दीप प्रज्जवलित कर उद्घाटन किया. प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि उर्दू अमन व शांति का पैग़ाम देने वाली भाषा है. उर्दू भाषा की लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि करोड़ों ऐसे लोग हैं, जिन्हें उर्दू पूर्णतः समझ में नहीं आती है फिर भी इसे सुनना उन्हें पसंद है. उर्दू शायरी उन्हें अपनी ओर खींचती है तथा उर्दू गजल पूरी दुनिया के लोगों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं. वाद-विवाद प्रतियोगिता लिए उर्दू भाषा के माध्यम से जो विषय लिए गए हैं, वो भी अत्यंत सामयिक और प्रासंगिक हैं. जिलाधिकारी ने प्रतियोगिता में शामिल युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि वाद-विवाद को सिर्फ प्रतियोगिता का हिस्सा न मानें. इससे सीख लेते हुए पानी बचाएं, अधिक से अधिक मात्रा में पेड़ लगाएं तथा नशामुक्त समाज का निर्माण करें. जिलाधिकारी ने कहा कि उपस्थित सभी उर्दू विद्वानों से यह उम्मीद करता हूं कि जिस प्रकार सरकारी स्तर से उर्दू भाषा की प्रगति और विकास के लिए कार्यक्रमों का क्रियान्वयन किया जा रहा है, आप उनसे लाभान्वित हों तथा इसका व्यापक प्रचार-प्रसार करने में भी सहयोग प्रदान करें. कार्यक्रम में जिला के विभिन्न प्रखंडों के अलग-अलग शिक्षण संस्थानों से मैट्रिक, इंटर तथा स्नातक में पढ़ने वाले उर्दू भाषा के छात्र एवं छात्राओं ने भाग लिया. कार्यक्रम का संचालन समाहरणालय में पदस्थापित उर्दू अनुवादक मो. मुहतदा ने किया. जिला उर्दू भाषा कोषांग द्वारा आयोजित इस प्रतियोगिता हेतु मैट्रिक/समकक्ष स्तर के विद्यार्थियों के लिए* तालीम की अहमियत/शराब सभी बुराइयों की जड़/जल जीवन हरियाली, इंटर/समकक्ष स्तर के लिए उर्दू जबान की अहमियत/स्वच्छता का महत्त्व/जल जीवन हरियाली तथा स्नातक/समकक्ष स्तर के लिए उर्दू गजल की लोकप्रियता/दहेज एक सामाजिक लानत/जल जीवन हरियाली विषयों पर छात्रों एवं छात्राओं ने बेहतरीन प्रस्तुति दी.


मैट्रिक वर्ग में प्रथम स्थान कुतैबा जमाल, इंटरमीडिएट वर्ग में प्रथम स्थान शाहनवाज आलम तथा स्नातक वर्ग में प्रथम स्थान अब्दुल्लाह ने प्राप्त किया. विद्यार्थियों के प्रस्तुति के उपरांत इस कार्यक्रम के निर्णायक मंडल के पांचों सदस्य, शिक्षाविद् क्रमश: डॉ. अब्दुल वदूद, डॉ. उमर फारूक, डॉ. मो. हुसैन, मोहम्मद असद, श्री मकसूद आलम रिफत ने मंच पर आकर अपना-अपना मंतव्य दिया. जिला उर्दू भाषा कोषांग के प्रभारी पदाधिकारी मेराज अहमद ने कहा कि उर्दू भाषा कोषांग द्वारा इस प्रकार के आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों को और वृहद तौर से आयोजित किया जाए तथा उन्होंने सभी उर्दू भाषी तबका को मुखातिब करते हुए कहा कि सैंकड़ो ऐसे लोग हैं जिन्हें उर्दू भाषा पूर्ण रूप से समझ में नहीं आती है लेकिन इसकी सुंदरता ऐसी है कि इसको सुनने में बहुत आनंद मिलता है. उन्होंने कहा कि आज के इस कार्यक्रम में उपस्थित उर्दू भाषा के विद्वानगण तथा इस प्रतियोगिता में भाग लेने वाले छात्र एवं छात्राओं उर्दू भाषा की प्रगति और विकास के लिए बिहार सरकार द्वारा वर्ष 1981 में एक अध्यादेश जारी कर के विशुद्ध भारतीय भाषा उर्दू को बिहार राज्य के लिए द्वितीय राजभाषा का दर्जा प्रदान किया गया एवं इसके विकास तथा प्रगति हेतु जिला उर्दू भाषा कोषांग के तत्त्वावधान में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. कार्यक्रम में उप विकास आयुक्त दीपेश कुमार, वरीय उप समाहर्ता सुजीत कुमार बरनवाल, प्रशिक्षु जिला जनसंपर्क पदाधिकारी अमन कुमार आकाश आदि शामिल हुए. कार्यक्रम को सफल बनाने में श्री मो० मुहतदा, उर्दू अनुवादक, श्री मो० जाकिर हुसैन, सहायक उर्दू उनुवादक, श्रीमती बुसरा हबीब, उर्दू अनुवादक, श्री तनवीर आलम, उर्दू अनुवादक, श्री मजहर इमाम, उर्दू अनुवादक, श्री राजू कुमार, नि०व०लि० (हिन्दी), श्री अब्दुल मन्नान, उ०व०लि० एवं श्री गजन्फर अली, उ०व०लि० आदि का महत्त्वपूर्ण योगदान रहा.                                    

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