- हादसा चौक इलाके के काशी विश्वनाथ मंदिर के पास खोया गली का है
- मृतक के वारिस को राज्य आपदा मोचक निधि से 4 लाख की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई गई
मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा ने बताया कि इस दुखद घटना को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सुबह-सुबह ही उनसे फोन पर वार्ता करके जानकारी ली गई थी। उनके द्वारा प्रधानमंत्री को एनडीआरएफ, फायर, पुलिस, प्रशासन द्वारा चलाए गए रेस्क्यू आपरेशन तथा घायलों के अस्पताल में कराए जा रहे इलाज की पूरी विस्तृत जानकारी दी गई। प्रधानमंत्री द्वारा रात में गिरे दोनों मकान में रह रहे सभी लोगों के संबंध में पूरी जानकारी प्राप्त करते हुए दुर्घटना में मृत महिला के प्रति अपनी संवेदना प्रकट की। प्रधानमंत्री द्वारा मंडलायुक्त को घायल सभी नौ लोगों के बेहतर इलाज के निर्देश दिए गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मृत महिला के प्रति गहरी शोक संवेदना जताई है। मंडलायुक्त ने बताया कि इस क्षेत्र में लगभग 50 लोगों को नोटिस दी गई है ताकि उनकी मरम्मत करवा दी जाए। नगर निगम के माध्यम से उन्हें कहीं और रहने को कहा जाएगा। मरम्मत के बाद अपने मकान में शिफ्ट करें। महिला की मौत पर मंडलायुक्त ने कहा कि उनके गले पर कोई भारी सामान गिर गया था। मौके पर ही उनकी मौत हो गई थी। बाकी नौ लोगों का रेस्क्यू किया गया है। मुआवजे की प्रक्रिया शुरू हो गई है। जानकारी के अनुसार, खोवा गली में दो मकान (28.7 और 28.6) गिरे हैं। 28.6 का मकान अशोक यादव का है। इसमें दो दुकानें हैं, माला-फूल और कचौड़ी की। 28.7 रमेश गुप्ता का मकान है। इसमें भी दो दुकानें हैं। दुकान के मालिक अनूप गुप्ता ने कहा कि हम लोगों ने मंदिर प्रशासन को कई बार शिकायती पत्र दिया था कि यह मकान गिरवा दिया जाए बावजूद इसके प्रशासन ने हमारी एक न सुनी। करीब दस वर्षों से यह मकान जर्जर अवस्था में है। मकान मालिक अशोक यादव और गोरख यादव देर रात अपने मकान की छत पर सोए हुए थे। मकान को हिलता महसूस कर उनकी नींद टूट गई। उन्होंने बरामदे के रास्ते दूसरे के छत पर छलांग लगा दी।
घटना दिन में होती तो और भी भयावह होता मंजर
सावन के सोमवार के एक दिन बाद और बीती रात काशी विश्वनाथ मंदिर के पास नीचे पुलिस ने सभी रास्तों को बंद कर दिया था। वहीं, एक बात को लेकर यह राहत दिखी की घटना सोमवार को या सुबह के समय नहीं हुई। ऐसे समय में यह हादसा और भयावह हो सकता था। सोमवार को काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में शिव भक्तों की भीड़ और सुबह का समय, दोनों स्थितियों में ज्यादा लोगों घायल हो जाते। विश्वनाथ मंदिर के गेट नंबर 4ए के पास से सैकड़ों-हजारों की संख्या में श्रद्धालु बाबा को जल चढ़ाने जाते हैं। हादसे के बाद मौके पर घंटों पर अफरातफरी का माहौल रहा।
मंदिर प्रशासन का दावा
मंगलवार को लगभग 3 बजे चौक थाना स्थित खोवा गली में दो जर्जर मकान गिरने की दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई है। इस संबंध में यह सूच्य है कि प्रभावित भवन मंदिर न्यास के क्षेत्र से बाहर स्थित थे तथा कॉरिडोर के भी किसी भवन अथवा बाउंड्री से सटे हुए नहीं थे। श्री काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर का निर्माण कार्य ढाई वर्ष पूर्व (वर्ष 2021) पूर्ण हो चुका है। धाम के विस्तारीकरण और सुंदरीकरण के निर्माण कार्य पूर्ण होने के उपरांत किसी भी संपत्ति का क्रय मंदिर न्यास द्वारा नहीं किया गया है। भवन सुरक्षा संबंधी प्रभावी नियमों के अंतर्गत बाहर स्थित किसी भी भवन में निर्माण कार्य, ध्वस्तीकरण व अन्य किसी भी कार्य हेतु भवन स्वामी को मंदिर प्रशासन से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं होती। विश्वनाथ मंदिर न्यास द्वारा मंदिर से बाहर की संपत्तियों पर किसी भी प्रकार का नियंत्रण अथवा नियमन करने की कोई भी व्यवस्था नहीं है। यह भी स्पष्ट किया जाता है कि हालांकि, विगत कुछ वर्षों में यदा कदा कतिपय व्यक्तियों द्वारा उनकी परिसंपत्तियों को मंदिर न्यास द्वारा क्रय करने हेतु निवेदन किया गया है, किंतु इस पर विचार करते हुए मंदिर न्यास द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि कॉरिडोर का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। अतः अभी किसी भी प्रकार की संपत्ति का क्रय करने की आवश्यकता मंदिर प्रशासन को नहीं है। यही उत्तर ऐसे सभी व्यक्तियों को बताया भी जाता है। किसी भी प्रकार के संशय के समाधान हेतु यह पुनः सार्वजनिक रूप से इस विज्ञप्ति द्वारा घोषित किया जाता है कि वर्तमान समय में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास द्वारा किसी भी भूमि अथवा भवन के क्रय पर कोई विचार नहीं किया जा रहा है। निजी संपत्तियों का सुरक्षित रूप से मेंटेनेंस करने, मानकों के अनुसार ही उपयोग सुनिश्चित करने आदि दायित्वों से मंदिर न्यास का कोई सरोकार नहीं है।
चार नम्बर गेट बंद
हादसे के बाद काशी विश्वनाथ मंदिर जाने वाले गेट नंबर चार को बंद कर दिया गया है। एक नंबर और दो नंबर गेट से दर्शनार्थियों को प्रवेश दिया जा रहा है। मौके पर पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल, अपर पुलिस आयुक्त एस चिनप्पा और डीसीपी काशी गौरव बंशवाल सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे। पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने बताया कि हादसे के बाद 8 लोग मलबे में फंस गए थे, जिनमें से 6 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। वहीं, एक महिला का शव मलबे से निकाला गया है। हादसे की जानकारी मिलने के बाद एनडीआरएफ और पुलिस के जवान तत्काल मौके पर पहुंचे। मैदागिन और ग़ोदौलिया से मंदिर जाने वाले गेट नंबर चार से दर्शनार्थियों के प्रवेश को बंद कर दिया। घायल आरक्षी इंदू बीएचयू ट्रॉमा सेंटर में हैं। इनके जबड़े का ऑपरेशन होगा। दाएं हाथ में दो जगह छह टांका लगा है। 2016 बैच की आरक्षी इंदू मूल रूप से मऊ के मोहम्मदाबाद गोहना क्षेत्र की रहने वाली हैं। फिलहाल, वह चोलापुर थाने में तैनात हैं। संकरी गली में घनी बसावट वाला इलाका होने के कारण राहत और बचाव के काम में लगे जवानों को दिक्कत हुई, लेकिन शीघ्र ही सब ठीक हो गया।
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