- सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से अपने-अपने राज्य/केंद्र शासित प्रदेश में स्कूल सुरक्षा और संरक्षा-2021 पर दिशानिर्देश की अधिसूचना की स्थिति के बारे में जानकारी देने का भी अनुरोध किया गया
ये दिशा-निर्देश 01.10.2021 को सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों/डीओएसईएल के स्वायत्त निकायों और हितधारक मंत्रालयों को परिपत्रित किए गए थे। ये दिशा-निर्देश सलाहकार स्वरूप के हैं, जो स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा और संरक्षा सुनिश्चित करने में विभिन्न हितधारकों और विभिन्न विभागों की जवाबदेही का विवरण प्रदान करते हैं। राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को सूचित किया गया था कि वे अपने राज्य/केंद्र शासित प्रदेश की विशिष्ट जरूरतों के अनुसार, यदि उचित समझें तो इन दिशा-निर्देशों में परिवर्धन/संशोधन शामिल करके इन दिशा-निर्देशों को अधिसूचित कर सकते हैं। ये दिशा-निर्देश डीओएसईएल की वेबसाइट https://dsel.education.gov.in/sites/default/files/2021-10/guidelines_sss.pdf पर अपलोड किए गए हैं।
इन दिशानिर्देशों का उद्देश्य इस प्रकार है:
बच्चों के समग्र विकास के लिए एक सुरक्षित और संरक्षित स्कूली माहौल के सह-निर्माण की आवश्यकता के बारे में छात्रों और अभिभावकों सहित सभी हितधारकों के बीच समझ पैदा करना। सुरक्षा और संरक्षा के विभिन्न पहलुओं अर्थात भौतिक, सामाजिक-भावनात्मक, संज्ञानात्मक और प्राकृतिक आपदाओं से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर पहले से उपलब्ध अधिनियमों, नीतियों, प्रक्रियाओं और दिशानिर्देशों के बारे में विभिन्न हितधारकों को जागरूक करना। विभिन्न हितधारकों को सशक्त बनाना तथा इन दिशानिर्देशों के कार्यान्वयन में उनकी भूमिका को स्पष्ट करना। स्कूलों में बच्चों को सुरक्षित और संरक्षित रखने के लिए (जिसमें बच्चों को स्कूल लाने-ले जाने, स्कूल जाने या स्कूल परिवहन में उनके घर वापस जाने के दौरान सुरक्षा भी शामिल है) निजी/गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों में स्कूल प्रबंधन और प्रधानाचार्यों तथा शिक्षकों पर तथा सरकारी/सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों के मामले में स्कूल के प्रमुख/प्रभारी प्रमुख, शिक्षकों और शिक्षा प्रशासन की जवाबदेही तय करना। इसका मुख्य उद्देश्य स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा और संरक्षा के मामले में किसी भी व्यक्ति या प्रबंधन की ओर से किसी भी प्रकार की लापरवाही के प्रति 'जीरो टॉलरेंस पॉलिसी' पर जोर देना है।
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