बहुत हुआ अब मोमबत्ती जलाना,
देकर दिखाओ अब न्याय यहां,
देश भर की बेटियों पर अत्याचार,
इतना आसान नहीं है सब भूल पाना,
अब नहीं कर सकते समय की बर्बादी,
और कितना सहेगी बेटी और देगी कुर्बानी,
कब तक सहेगी आख़िर ये सब,
क्यों नहीं होते क़ानून और सख़्त,
अब नहीं चाहिए दो मिनट का मौन,
देकर दिखाओ जल्द सजा उन्हें और,
सुना है क़ानून के हाथ होते बड़े लंबे हैं,
फिर क्यों हाथ लड़खड़ाते नज़र आते हैं,
क्यों मौन आज सब नज़र आ रहें है?
आख़िर कब होगा इसकी सजा का एलान?
यही है लड़कियों का प्रश्न आज॥
पार्वती
कपकोट, बागेश्वर
उत्तराखंड
चरखा फीचर
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