कविता : मेरा सपना पूरा होगा - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

सोमवार, 23 सितंबर 2024

कविता : मेरा सपना पूरा होगा

एक ही लक्ष्य है हमारा,

देश को बदल कर दिखाएंगे,

भले कोई ना दे साथ हमारा,

हम खुद मंजिल चढ जाएंगे,

उम्मीद एक बांधी है मैंने,

हम ये सब कर दिखाएंगे,

वो वर्दी होगी मेरे बदन पर,

जिसकी हम शान कहलाएंगे,

मत कर मेरे वतन फिक्र तू,

हम रक्षक बनकर आएंगे,

बनकर जब सैनिक हम,

अपने गांव में आएंगे,

तब अपने मां-बाबा की,

शान हम कहलाएंगे,

मत समझ हमें कमजोर जमाना,

हम तुझे पछाड़ कर दिखाएंगे,

भले कोई ना दे साथ हमारा,

हम खुद मंजिल चढ़ जाएंगे।।





Minakshi-danu-charkha-feature

मीनाक्षी दानू

कन्यालीकोट, उत्तराखंड

चरखा फीचर्स

कोई टिप्पणी नहीं: