नई दिल्ली (रजनीश के झा)। विश्व के सर्वकालिक महानतम वैज्ञानिक श्याम सुन्दर राठी जी का सनातन शोध संस्थान ने संगत भवन, नई दिल्ली में भव्य नागरिक सम्मान किया गया। इस सम्मान समारोह के इस कार्यक्रम में डॉ. अविनाश जायसवाल जी वरिष्ठ प्रचारक आरएसएस, स्वामी रामेश्वरानन्द जी (न्यूरो सर्जन), इकबाल सिंह लालपुरा राष्ट्रीय अध्यक्ष, अल्पसंख्यक आयोग, डॉ. राकेश जैन राष्ट्रीय सह संयोजक पर्यावरण गतिविधि, डॉ. महंत गोविन्द त्रिपाठी संयोजक के साथ साथ देश के सैंकड़ों गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम में जल एवं पर्यावरणविद वैज्ञानिक श्याम सुंदर राठी ने संबोधन करते हुए उपस्थित सभी गणमान्य व्यक्तियों को बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि बांध योजना में नदियों को कैद कर लिया जाता है तथा नदियों के पानी को बांध रुपी कब्र में दफना दिया जाता है। बांधों के इस शाश्वत सत्य की व्याख्या उन्होंने अपनी शोध ग्रन्थ 'न्यू कांसेप्ट और मेगा साइंटिस्ट' में की है। वैज्ञानिक जी ने हीराकुंड बांध का उदाहरण देते स्पष्ट किया कि दो लाख एकड़ में फैली इस बांध में साल भर जितना पानी संग्रह होता है उतने पानी का उपयोग कर के हमारे देश के किसान भाई दो करोड़ एकड़ भूमि की सिंचाई कर रहे हैं वही हीराकुद बांध सिर्फ दो लाख एकड़ जमीन की सिंचाई कर रहा है तथा शेष पानी बरबाद हो रहा है।
जल वैज्ञानिक राठी जी ने भीमकाय पानी की टंकियां (एमएसडी टेंक तकनीक) के रुप में बांध योजना का विकल्प तैयार कर लिया है। भीमकाय पानी की टंकियां ( एमएसडी टेंक तकनीक ) 5000 साल पुराना बांध व्यवस्था का स्थान ले लेगी। नई व्यवस्था में नदियों पर किसी तरह के निर्माण की आवश्यकता नहीं रहेगी। वर्षा ऋतु में जल प्रपातों तथा नदी नालों से देश को आवश्यक होने वाला 270 घन किलोमीटर पानी का बड़ा भाग स्टोर कर के रख लिया जाएगा। अवशिष्ट पानी जल प्रपातों से भीमकाय टंकियो में 24सो घण्टे भरती होता रहेगा तथा इस दरमियान बिजली उत्पादन होती रहेगी जो बांध योजना से मिलने वाली पनबिजली से बहुत अधिक होगी। 145 करोड़ भारतीयों को पीने का पानी तथा देश को 100% जल सेचन की सुविधा मिल जाएगी। मान्यवर वैज्ञानिक जी के सन्देश का उपस्थित सभी सदस्यों ने खड़े होकर तालियों के साथ स्वागत किया।
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