- किस की पूजा करने से सभी देवताओं का फल मिलता है
श्री राज महाजन राम कथा को उनके ऑफिसियल फेसबुक पेज और यूट्यूब चैनल पर सुना जा सकता है. अभी तक श्री राज महाजन केवल ऑनलाइन कथा ही करते हैं. वे अपने परिवार के साथ बैठकर अपने सोशल मीडिया के माध्यम से कथा प्रसारित करते हैं. वे चौपाइयों को गाते हैं और फिर चौपाइयों के मर्म के साथ उनका प्रसंग भी विस्तार से सुनाते हैं. सुनने वाले श्रोता भक्त अपने अनुभव कमेंट्स में लिखकर बताते हैं. कहा जाता है कि यह कथा लोगों के कष्टों और दुखों को दूर करती हैं. जो भक्त ज़िस मंशा से इस कथा को सुनते हो, वैसा ही फल उसको प्राप्त होता है. कई लोग मैसेज करके और कमेंट करके बताते हैं कि उनकी नींद न आने की समस्या, गरीबी, कर्ज़ा, शराब की लत, नशा, डिप्रेशन, काम-धंधे में बाधा जैसी समस्याएं दूर होती है. इस बारे में श्री राज महाजन कहते हैं, "जे सकाम नर सुनहि जे गावहि, सुख संपत्ति नाना विधि पावहि. अगर कोई व्यक्ति किसी आकांक्षा से इस कथा को सुनता है तो विभिन्न प्रकार के सुख-संपत्ति प्राप्त होते हैं. अगर लोगों के कष्ट दूर हो रहे हैं इसके पीछे हनुमान जी की शक्ति और और सुनने वाले का विश्वास और आस्था है. रामचरित मानस बहुत प्रभावशाली है. यह सब प्रकार से फल देने वाली है. इसका श्रवण करने से सब प्रकार के दोष और कष्टों का नाश होता हैं."
दुनिया एवं देश के अलग अलग भागों से बहुत सारे लोग इस रामचरितमानस पाठ को सुनते हैं. आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि लोगों ने स्वयं सोशल मीडिया पर कमेंट करके बताया है कि उनके जीवन में इस रामकथा से परिवर्तन आ रहे हैं. उनके व्यसन छूट रहे हैं, डिप्रेशन ख़त्म हो रहा है, अनिद्रा की समस्या दूर होने लगी है, नकारात्मकता नष्ट होने लगी है, जीवन में शान्ति आने लगी है और व्यापार वृद्धि होने लगी है.. राम जी की अपार कृपा हो रही है. सुनने वाले लोग स्वयं बताते हैं कि कथा को सुनकर वे अपने घर पर ही नाचते हैं, रोते हैं और हँसते हैं. आज यह संगीतमय रामचरितमानस पाठ कई हज़ार लोगों की आस्था का केंद्र बन चुका है. इसका कारण राज महाजन ने बताया, "हनुमान जी की कृपा से सब कथा सुनने वालों को कुछ न कुछ लाभ हो रहा है, जिसका कारण है मैं जब पाठ करता हूँ तो बजरंग की उपस्थिति महसूस करता हूँ. मैं रामचरित मानस पाठ की सम्पूर्ण चौपाइयां का पाठ करता हूँ. जिससे कथा श्रवण का शुभ फल सुंनने वालों को मिलता है."
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें