सीहोर : आधा दर्जन से अधिक वृद्धजनों का किया गया सम्मान - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

गुरुवार, 5 सितंबर 2024

सीहोर : आधा दर्जन से अधिक वृद्धजनों का किया गया सम्मान

  • शिक्षक हमें जीवन में सफलता के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल देते हैं : पंडित राघव मिश्रा

Teachers-honored-sehore
सीहोर। शहर के सैकड़ाखेड़ी स्थित वृद्धाश्रम में गुरुवार को श्रद्धा भक्ति सेवा समिति के तत्वाधान में शिक्षक दिवस का आयोजन किया गया। इस मौके पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कथा व्यास पंडित राघव मिश्रा, विशेष अतिथि मध्यप्रदेश पंचायत सचिव संगठन के ब्लाक अध्यक्ष घनश्याम मेवाड़ा, संगठन की ओर से राजू नामदेव, केन्द्र के प्रभारी नटवर कुशवाहा, मनोज दीक्षित मामा सहित अन्य ने यहां पर मौजूद आधा दर्जन से अधिक वृद्धजनों का सम्मान किया। इस मौके पर यहां पर मौजूद कथा व्यास पंडित राघव मिश्रा ने कहा कि हमारे जीवन में माता-पिता से भी ऊपर गुरु को दर्जा दिया गया है, क्योंकि एक शिक्षक ही होता है जो एक बच्चे के भविष्य को बनाता है। शिक्षक हमें जीवन में सफलता के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल देते हैं। शिक्षक हमारे व्यक्तित्व को तैयार करते हैं। चरित्र को ढालने और मूल्यों को स्थापित करने में मदद करते हैं। हमें एक अच्छा नागरिक भी मनाने में मदद करते हैं। कहा जाता है कि गुरु के बिना ज्ञान अधूरा रहता है। यह बात बिल्कुल सत्य है। हमारे जीवन में सबसे पहली गुरु तो मां होती है जो हमें जन्म लेते ही हर बातों का ज्ञान कराती है। मगर विद्यार्थी काल में बालक के जीवन में शिक्षक एक ऐसा गुरु होता है जो उसे शिक्षित तो करता ही है साथ ही उसे अच्छे बुरे का ज्ञान भी कराता है। हमारे जीवन में चार गुरु होते है, माता-पिता, शिक्षक और गुरु जो जीवन में सत्य की ओर ले जाते है।


शिक्षक विद्यार्थियो के जीवन के वास्तविक निर्माता होत

कार्यक्रम के विशेष अतिथि ब्लाक अध्यक्ष श्री मेवाड़ा ने कहा कि शिक्षक विद्यार्थियो के जीवन के वास्तविक निर्माता होते हैं जो न सिर्फ हमारे जीवन को आकार देते हैं। बल्कि हमें इस काबिल बनाते हैं कि हम पूरी दुनिया में अंधकार होने के बाद भी प्रकाश की तरह जलते रहें। शिक्षक समाज में प्रकाश स्तम्भ की तरह होता है। जो अपने शिष्यों को सही राह दिखाकर अंधेरे से प्रकाश की और ले जाता है। शिक्षकों के ज्ञान से फैलने वाली रोशनी दूर से ही नजर आने लगती है। इस वजह से हमारा राष्ट्र ढ़ेर सारे प्रकाश स्तम्भों से रोशन हो रहा है। इसलिये देश में शिक्षकों को सम्मान दिया जाता है। शिक्षक और विद्यार्थी के बीच के रिश्तों को सुदृढ़ करने को शिक्षक दिवस एक बड़ा अवसर होता है।


इनका किया सम्मान

संकल्प नशा मुक्ति केन्द्र के संचालक राहुल सिंह के मार्गदर्शन में सम्मान कार्यक्रम के दौरान आधा दर्जन बुजुर्गों का सम्मान केन्द्र के प्रभारी श्री कुशवाहा के अलावा शुभम सोनी, प्रदीप राजपूत, आकाश राय, मनीष सोनी, कमलेश राय ने यहां पर मौजूद बीपी शर्मा, कृष्णा बाई, द्रोपती बाई, रामचरण वर्मा, तुलसीराम विश्वकर्मा और गोपीलाल वर्मा का सम्मान फूल-मालाओं से किया। 

कोई टिप्पणी नहीं: