इन आंगनबाड़ी केंद्रों से करणीसर गांव की विभिन्न गर्भवती महिलाएं लाभ उठा रही हैं. इस संबंध में 27 वर्षीय मंगला देवी बताती हैं कि उनका परिवार आर्थिक रूप से काफी कमज़ोर है. पति दैनिक मज़दूरी करते हैं. जिससे घर की आमदनी काफी कम है. उनके तीन बच्चे हैं जिन्हें पौष्टिक आहार उपलब्ध कराना काफी कठिन था. लेकिन आंगनबाड़ी केंद्र के कारण उनके बच्चों को समय पर यह सुविधाएं उपलब्ध हो गईं. जिससे वह कुपोषण मुक्त जीवन जीने में सफल हुए हैं. वहीं एक अन्य महिला 24 वर्षीय सुशीला कहती हैं कि गर्भावस्था से लेकर प्रसव तक आंगनबाड़ी केंद्र से उन्हें काफी मदद मिली है. न केवल समय पर उनका टीकाकरण होता था बल्कि पीएमएमवीवाई के तहत उन्हें पांच हज़ार रूपए भी प्राप्त हुए, जिससे आर्थिक रूप से उन्हें काफी सहायता मिली है. वह कहती हैं कि इस प्रकार की योजना आर्थिक रूप से कमज़ोर परिवारों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. वहीं 17 वर्षीय किशोरी गुंजन कहती है कि उसके घर की आर्थिक स्थिति काफी कमज़ोर है. उसके पास प्रति माह सेन्ट्री पैड खरीदने के पैसे नहीं हैं. लेकिन उड़ान योजना के तहत आंगनबाड़ी केंद्र से उसे प्रति माह पैड्स उपलब्ध कराये जाते हैं. इसके अतिरिक्त केंद्र की सेविका प्रति माह उसे माहवारी के दौरान बरते जाने वाली सावधानियों और साफ़ सफाई के बारे में भी आगाह करती रहती है. वह बताती है कि केंद्र के माध्यम से हर बुधवार को किशोरियों के बीच आयरन और कैल्शियम की टेबलेट भी वितरित की जाती है.
हालांकि इन आंगनबाड़ी केंद्रों में कुछ समस्याएं भी हैं. इन केंद्रों पर बिजली और पानी की सुविधा की कमी देखी गई. केंद्र संख्या 1 की कार्यकर्ता गीता देवी कहती हैं कि अक्सर इस केंद्र पर बिजली नहीं रहती है. जिससे गर्मी के दिनों में बच्चों को काफी परेशानी होती है. वहीं पीने के साफ़ पानी की कमी भी इस केंद्र के लिए एक बड़ी समस्या रहती है. वह बताती हैं कि बच्चों का खाना बनाने के लिए आसपास के घरों से पीने का पानी मांग कर लाना पड़ता है. कई बार वहां भी उपलब्ध नहीं होने से इसकी व्यवस्था करवाना एक बड़ी समस्या हो जाती है. जबकि आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 2 में शौचालय की सुविधा की कमी है. केंद्र की कार्यकर्ता लाजो देवी कहती हैं कि शौचालय की व्यवस्था नहीं होने से न केवल केंद्र में आने वाले बच्चों बल्कि उनके लिए भी अक्सर असहज स्थिति उत्पन्न कर देती है. लेकिन इस प्रकार की कुछ कमियों के बावजूद इन दोनों ही केंद्रों पर उपलब्ध सुविधाओं से करणीसर गांव के बच्चों और गर्भवती महिलाएं लाभान्वित हो रही हैं. वर्तमान में देश में करीब 13.63 लाख आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं. इनमें राजस्थान में 304 परियोजनार्न्तगत करीब 62,020 आंगनबाड़ी केन्द्रों संचालित हो रहे हैं. जिसके माध्यम से बड़ी संख्या में गर्भवती महिलाएं और बच्चे लाभान्वित हो रहे हैं और उन्हें कुपोषण मुक्त बनाया जा रहा है. इन आंगनबाड़ी केंद्रों का सफलतापूर्वक संचालन इन्हीं कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के माध्यम से मुमकिन होता है. जो विषम परिस्थितियों में भी गर्भवती महिलाओं और बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास में अपना विशेष योगदान दे रही हैं. वास्तव में, जिन उद्देश्यों की पूर्ति के लिए यह आंगनबाड़ी केंद्र स्थापित किए गए हैं करणीसर गांव में वह पूरा होता हुआ नजर आ रहा है.
मंजूनाथ
लूणकरणसर, राजस्थान
(चरखा फीचर्स)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें