भारतीय संसद द्वारा पारित तीन नये आपराधिक दंड कानून और नागरिक स्वतंत्रता पर खतरे पर परिचर्चा के मुख्य वक्ता चाणक्य राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय ,पटना के कुलपति श्री फैयाज मुस्तफा ने अपनी बात रखते हुए कहा कि आपराधिक कानून सत्ता के लिए दमन का हथियार होते हैं. वे नए कानून उनको और अधिक प्रखर बना रहे हैं.वर्तमान सत्ता ऐसे कानून बना रही है जो केवल कानून के तहत दंड दें, जबकि कानून का काम न्याय करना और न्याय दिलवाना होना चाहिए. मौके पर पी.यू.सी.एल. की ओर से राज्य महासचिव सरफराज ने पी.यू.सी.एल. का आधार पर पेश किया. जिसमें तीनों नए कानूनों की विस्तृत समीक्षा की गई. इन कानूनों के कारण लोकतांत्रिक अधिकारों के लड़ना बेहद ही कठिन हो जाएगा. इसके अलावे पटना लाॅ काॅलेज के पूर्व प्रधानाध्यापक प्रो.मुहम्मद शरीफ ने अपनी बात रखते हुए कहा कि सरकार की मंशा है कि कानून के द्वारा जनता के अधिकारों का दमन करना है. इस परिचर्चा में विभिन्न राजनीतिक,सामाजिक संगठन के प्रतिनिधियों ने भी अपनी बात रखे. जिसमें पर्यावरण लिए गोपाल कृष्णा,राजनीतिक कर्मी नंद किशोर सिंह,पत्रकार पुष्पराज,सत्य नारायण मदन,राधेश्याम भी शामिल थे. स्वागत भाषण सचिव कृष्ण मुरारी ने दिया.इस परिचर्चा की अध्यक्षता पी.यू.सी.एल. के अध्यक्ष प्रो. आनंद किशोर ने की.
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