सीहोर। हर साल सीवन नदी में भारी बारिश के कारण आस-पास के किसानों को फसलों की क्षति और मिट्टी के कटाव की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस स्थिति को सुधारने के लिए पिरामल फाउंडेशन ने एक अनूठी पहल शुरू की है। गांधी फेलो सूरज वर्मा और उनकी टीम ने किसानों से मुलाकात कर वानिकी विभाग द्वारा दिए जाने वाले बांस के पौधों की जानकारी दी और आने वाले वर्षों में इससे मिलने वाले लाभों पर प्रकाश डाला। किसान राहुल, पिरामल फाउंडेशन और वानिकी विभाग के सहयोग से 104 बांस के पौधे लेकर आए और सीवन नदी के किनारे उनका रोपण किया। इस कदम से न केवल भविष्य में भारी बारिश के दौरान होने वाली बाढ़ को नियंत्रित किया जा सकेगा, बल्कि मिट्टी के कटाव को भी रोका जा सकेगा। बांस के पौधे, अपनी जड़ों की मजबूती के लिए जाने जाते हैं, जो न केवल मिट्टी को मजबूती प्रदान करेंगे, बल्कि भविष्य में इन पौधों के बढऩे पर किसान इन्हें बेचकर अपनी आय भी बढ़ा सकेंगे। इस पहल के माध्यम से किसानों को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से बचाव के साथ-साथ आर्थिक लाभ भी मिलेगा। पिरामल फाउंडेशन की यह पहल किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे पर्यावरण संरक्षण और आय वृद्धि का एक स्थायी समाधान प्राप्त हो सकेगा।
बुधवार, 11 सितंबर 2024
सीहोर : बांस के पौधों से सीवन नदी के आसपास के किसानों को मिलेगा लाभ
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