- यह देश हित में है लेकिन इसकी सफलता सरकार की मंशा पर भी निर्भर करती है
पटना (रजनीश के झा)। जन सुराज अभियान के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने केंद्र सरकार द्वारा "वन नेशन वन इलेक्शन" को मंजूरी दिए जाने के बाद अपनी प्रतिक्रिया देते हुए "वन नेशन वन इलेक्शन" का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि "एक देश एक चुनाव" राष्ट्रहित में है। प्रशांत किशोर ने कहा कि उनका मानना है अगर इसे सही नीयत से लागू किया जाए तो "वन नेशन वन इलेक्शन" देश के लिए काफी फायदेमंद होगा। उन्होंने अपने अनुभव के आधार पर कहा कि हर साल देश की करीब एक चौथाई जनता मतदान करती है। इस वजह से सरकार चलाने वाले लोग ज्यादातर समय चुनाव के चक्र में फंसे रहते हैं। इसलिए अगर इसे एक या दो बार किया जाए तो सरकार भी हमेशा चुनाव मोड में नहीं रहेगी। साथ ही सरकार और जनता दोनों का समय और खर्च बचेगा।
इसके साथ ही उन्होंने सरकार को सलाह दी कि देश में पिछले 50 सालों से चली आ रही चुनाव प्रक्रिया को 1 दिन में नहीं बदला जा सकता। सरकार को इस बदलाव को लागू करने के लिए 4-5 साल का समय देना चाहिए। इतने बड़े बदलाव 1 दिन में नहीं हो सकते। प्रशांत किशोर ने यह भी स्पष्ट किया कि "वन नेशन, वन इलेक्शन" की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि सरकार इसे किस उद्देश्य और नीयत से लागू करती है। उन्होंने कहा, "यदि यह कानून सही नीयत से लाया जाता है तो यह स्वागत योग्य कदम है, लेकिन अगर इसका इस्तेमाल किसी विशेष वर्ग या समाज को हानि पहुंचाने के लिए किया जाता है, तो यह उचित नहीं होगा। सरकार की ईमानदारी और मंशा इस प्रक्रिया की सफलता का निर्धारण करेगी।"
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