साथ ही, कर्बला के शहीदों के खून का बदला लेने वाले मुख्तारे सकफी की कामयाबी पर आपस में सब ने मुबारकबाद पेश की। बताते चलें कि मुख्तारे सक़फ़ी इमाम के वह चाहने वाले थे जिन्होनें कर्बला में शामिल रहे और हर ज़ालिम को उसके किए की सजा दी और जब इमाम हुसैन के कातिल का सर इमाम हुसैन के बेटे इमाम सज्जाद की खिदमत में पेश किया तो कर्बला के बाद यही वह वक्त था जब इमाम सज्जाद ने अपने होंठों पर मुस्कान जाहिर कर खुशी का इज़हार किया जिसको सारे हुसैनी ईद-ए-ज़हरा के नाम से जानते हैं और इस दिन ख़ुशी मनाते हैं। महफिल को कामयाब करने के लिए मशहूर शायर शबरोज कानपुरी, शायर फाजिल अब्बास जरेवी, अख्तर सिरसिवी, मीसम काजमी ने रात भर कलाम पेश किए। मंजर अख़्तर ने निजामत की। इस मौके पर भाजपा नेता शायर फैजान रिज़वी, अरीब हसनी, सलमान नकवी, मजहर मोइन, मोबीन इफ्तिखार, जईम हैदर, फरहत मीर, एडवोकेट सैदुल नकवी, तब्बू प्रधान कोर्रा सादात, साइबर जर्नलिस्ट एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष एवं वरिष्ठ पत्रकार शहंशाह आब्दी आदि अकीदतमंद मौजूद रहे।
फतेहपुर। करबला में मोहम्मद साहब के नवासे पर सितम ढाने वाले यजीद की मौत पर एक महफिल में जश्न मनाया गया। शहर के लाला बाजार में आयोजक मरहूम इफ्तिखार अंजुम उर्फ़ जावेद द्वारा कई वर्षों से मरहूम मजहर हैदर नक़वी के आवास पर इसी दिन यह जश्न मनाया जाता है। गुरुवार को चौदह रबीउल अव्वल को प्रोग्राम हुआ जिसमें करबला के कातिलों पर लानत भेजी गई और यजीद की मौत पर जश्न मनाया गया।बताते चलें कि यह वही यज़ीद था जिसने मोहम्मद साहब के नवासे इमाम हुसैन को 61 हिजरी में कर्बला के मैदान में तीन दिनों तक भूखा प्यासा रख कर शहीद कर दिया।तारीख के एतबार से 14 रबीउल अव्वल को यज़ीद की हलाकत का दिन है जिसकी खुशी में हुसैनी समुदाय के लोगों ने जश्न मना कर खुशी का इजहार किया।
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