- स्मार्ट मीटर से संबधित किसी भी समस्या के लिए अब जिले में होगा विशेष हेल्पलाइन नंबर।
मधुबनी, 28 सितंबर (रजनीश के झा)। जिलाधिकारी अरविन्द कुमार वर्मा ने सामाहरणालय सभा कक्ष में प्रेस वार्ता कर स्मार्ट मीटर के लाभ एवं इससे संबधित भ्रांतियों के संबंध में विस्तृत जानकारी दिया। उन्होंने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि सभी पुराने मीटरों को बदलकर स्मार्ट मीटर का अधिष्ठापन किया जा रहा है एवं स्मार्ट मीटर के अधिष्ठापन के समय उपभोक्ताओं से कोई भी शुल्क नहीं ली जाती है। स्मार्ट मीटर से प्राप्त सटीक और विस्तृत डाटा समस्याओं का समाधान जल्दी करने में मदद करता है । उपभोक्ता का मोबाइल ऐप के माध्यम से ही विपत्र प्राप्त हो जाता है तथा बिना कार्यालय गए अपने स्मार्ट मीटर का रिचार्ज भी कर सकते हैं। त्रुटि रहित विपत्रीकरण से गांव को विद्युत कार्यालय का चक्कर नहीं लगाना पड़ता है स्मार्ट मीटर प्रणाली को प्रदेश एवं सुलभ बनता है, जिससे उपभोक्ताओं को बेहतर सेवा उपलब्ध होती है। ऊर्जा के उपयोग में सुधार करने के कुल ऊर्जा खपत कम होती है उपभोक्ता को हार्ड कॉपी उपलब्ध कराने हेतु पेपर के उपयोग की कटौती के कारण पैरों की कटाई कम होती है, जिसे पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है ऊर्जा संरक्षण फल स्वरुप कार्बन उत्सर्जन में भी कमी आती है। स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं को प्रोत्साहन 1.5 प्रतिशत पूर्व भुगतान पर 1 प्रतिशत ऑनलाइन रिचार्ज के लिए तथा 0.5 प्रतिशत स्मार्ट मीटर पर वित्तीय लाभ दिया जाता है। पूर्व के भांति स्मार्ट मीटर में भी सरकार द्वारा घोषित अनुदान का भी लाभ दिया जाता है। ऑनलाइन के माध्यम से समय पर बील प्राप्त कर सकते हैं मानव हस्तक्षेप नहीं होने से विद्युत बील में त्रुटि की संभावना नहीं रहती है । स्मार्ट मीटर अधिष्ठापन से पूर्व विद्युत बकाया राशि को 300 दिनों में भुगतान करने की व्यवस्था की गई है, जिससे उपभोक्ताओं को बकाया राशि एक मुशत जमा करने के वित्तीय भार से मुक्ति मिलती है।
उपभोक्ता यदि 2000 या इससे अधिक राशि अपने खाते में लगातार बरकरार रखते हैं, तो निम्न दर पर ब्याज दे होगा 6 माह से अधिक समय तक रखने पर बैंक दर $0.5ः ब्याज दर से दे होगा।आदतन भुगतान करने वाले उपभोक्ता के परिसर में स्मार्ट मीटर अधिष्ठापन उपरांत भविष्य में भी बकाया राशि संचय नहीं होता है जिससे उपभोक्ताओं को लगने वाली बाहरी ब्याज (18ः वार्षिक दर) से मुक्ति मिलती है । स्मार्ट मीटर अधिष्ठापन उपरांत यदि मैक्सिमम डिमांड स्वीकृत भार बढ़ जाता है तो उपभोक्ता को 6 माह तक मैक्सिमम डिमांड शुल्क से राहत दी जाती है। स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं के परिसर में सोलर पैनल अधिष्ठापन के उपरांत स्मार्ट मीटर को नेट मीटर में बदल दिया जाता है जिससे उपभोक्ताओं को अलग से नेट मीटर खरीदने की आवश्यकता नहीं पड़ती है।प्रेसवार्ता में उपस्थित उपभोक्ताओं एवं मीडिया प्रतिनिधियों जो स्मार्ट मीटर का उपयोग कर रहे,उन्होंने ने भी स्मार्ट मीटर से होने वाली सुविधाओं पर रही अपनी बात,कहा,स्मार्ट मीटर बहुत ही सुविधाजनक है। इसके पूर्व अधीक्षण अभियंता विधुत सहित सभी कार्यपालक अभियंताओं ने भी स्मार्ट मीटर से सम्बधित विस्तृत जानकारी प्रदान किया। उक्त बैठक में विद्युत अधीक्षक अभियंता अजय कुमार, कार्यपालक अभियंता विद्युत, मो0 अरमान ,कार्यपालक अभियंता विद्युत, रमेश कुमार, कार्यपालक अभियंता विद्युत, मनोज कुमार सहित अन्य मीडिया के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
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