- क्षेत्रवासियों से 21 सौ से अधिक हस्ताक्षर कराए जाने का अभियान
ज्ञापन में मांग की गई कि तिरुपति बालाजी मंदिर में वितरित की जा रही महाप्रसादी में घी में जानवरों की चर्बी और मछली के तेल की मिलावट की जांच की जाए और सनातन धर्म के अपमान पर कार्रवाई करने की भी मांग की गई। इसको लेकर श्रद्धा भक्ति सेवा समिति की ओर से राहुल सिंह और जिला संस्कार मंच के संयोजक मनोज दीक्षित मामा ने कहा कि तिरुपति तिरुमला देवस्थान जो समस्त हिंदुओं का सर्वोच्च आस्था का केंद्र है, जहां लाखों लोग नित्य दर्शन करते हैं। वहां नित्य भोग आराधना में लड्डू प्रसादम जिसका बहुत ही ज्यादा महत्व है और जो प्रभु को अत्यंत प्रिय है और भक्त उसे नारायण का आशीर्वाद मानकर ग्रहण करते हैं। ऐसे दिव्य प्रसादम में अभक्ष्य पदार्थों का उपयोग किया गया। भक्त इस प्रसादम के बिना अपनी तिरुपति यात्रा को अधूरी मानते हैं और वह प्रसादम लाकर सभी इष्ट मित्रों व परिवारों में उसका विवरण भी करते हैं। मुश्किल से कोई भक्त होगा जिसने वहां का प्रसाद नहीं पाया हो। ऐसा प्रतीत होता है कि यह जानबूझकर षड्यंत्र कर सभी हिंदू धर्मावलंबियों का धर्म भ्रष्ट करने एवं उनकी आस्था को आघात पहुंचाने के लिए किया गया। भविष्य में इस तरह की पुनरावृत्ति न हो इसलिए हम मांग करते हैं कि दोषियों को चिह्नित कर कठोर दंड दिया जाए
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