सीहोर : तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मिलावट के मामले को लेकर सौंपा जाएगा ज्ञापन - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

रविवार, 29 सितंबर 2024

सीहोर : तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मिलावट के मामले को लेकर सौंपा जाएगा ज्ञापन

  • क्षेत्रवासियों से 21 सौ से अधिक हस्ताक्षर कराए जाने का अभियान

Balaji-tirupati-prasad
सीहोर। देश के सबसे बड़े बालाजी मंदिर, तिरुपति में वितरित किए जा रहे घी के लड्डू में जानवरों की चर्बी की मिलावट के आरोपों पर विवाद गहराता जा रहा है। इसी को लेकर पूरे देश में भारी आक्रोश देखा जा रहा है। वहीं श्रद्धा भक्ति सेवा समिति और जिला संस्कार मंच आदि ने हस्ताक्षर अभियान शुरू किया है और क्षेत्रवासियों से दस हजार से अधिक हस्ताक्षर कर देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री आदि के नाम का ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपा जाएगा। समिति का कहना है कि तिरुपति बालाजी मंदिर में महाप्रसादी की मिलावट के बाद से अनेक मंदिरों में शिकायत आ रही है। इसको लेकर प्रशासन को नियमित रूप से जांच शुरू कर देनी चाहिए।


ज्ञापन में मांग की गई कि तिरुपति बालाजी मंदिर में वितरित की जा रही महाप्रसादी में घी में जानवरों की चर्बी और मछली के तेल की मिलावट की जांच की जाए और सनातन धर्म के अपमान पर कार्रवाई करने की भी मांग की गई। इसको लेकर श्रद्धा भक्ति सेवा समिति की ओर से राहुल सिंह और जिला संस्कार मंच के संयोजक मनोज दीक्षित मामा ने कहा कि तिरुपति तिरुमला देवस्थान जो समस्त हिंदुओं का सर्वोच्च आस्था का केंद्र है, जहां लाखों लोग नित्य दर्शन करते हैं। वहां नित्य भोग आराधना में लड्डू प्रसादम जिसका बहुत ही ज्यादा महत्व है और जो प्रभु को अत्यंत प्रिय है और भक्त उसे नारायण का आशीर्वाद मानकर ग्रहण करते हैं। ऐसे दिव्य प्रसादम में अभक्ष्य पदार्थों का उपयोग किया गया। भक्त इस प्रसादम के बिना अपनी तिरुपति यात्रा को अधूरी मानते हैं और वह प्रसादम लाकर सभी इष्ट मित्रों व परिवारों में उसका विवरण भी करते हैं। मुश्किल से कोई भक्त होगा जिसने वहां का प्रसाद नहीं पाया हो। ऐसा प्रतीत होता है कि यह जानबूझकर षड्यंत्र कर सभी हिंदू धर्मावलंबियों का धर्म भ्रष्ट करने एवं उनकी आस्था को आघात पहुंचाने के लिए किया गया। भविष्य में इस तरह की पुनरावृत्ति न हो इसलिए हम मांग करते हैं कि दोषियों को चिह्नित कर कठोर दंड दिया जाए 

कोई टिप्पणी नहीं: