डॉ. ए.के. ठाकुर ने अपने उद्बोधन में अनुशासन, विनम्रता और समर्पण की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि अनुशासन दीर्घकालिक सफलता प्राप्त करने की नींव है और नवनियुक्त कर्मियों से अपने काम के प्रति समर्पण का भाव बनाए रखने का आह्वान किया। डॉ. ए.के. सिंह ने भी इन बातों को दोहराते हुए कहा कि अपनी जिम्मेदारियों के प्रति समर्पण का मतलब सिर्फ काम पूरा करना नहीं है। उन्होंने नए कर्मियों को सक्रियता से कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया और संस्थान के मिशन में योगदान देने के अवसरों की तलाश में हमेशा तत्पर रहने के लिए भी प्रेरणा दी। कार्यक्रम में वैज्ञानिक डॉ. अनिर्बान मुखर्जी ने पाठ्यक्रम की रूपरेखा पेश की। सामाजिक-आर्थिक एवं प्रसार प्रमुख और कार्यक्रम के सह-अध्यक्ष डॉ. उज्ज्वल कुमार ने प्रशिक्षण के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला | प्रभारी पीएमई प्रकोष्ठ डॉ. अभय कुमार ने प्रतिभागियों के करियर के विकास में प्रशिक्षण के महत्व को बताया । कार्यक्रम में डॉ. आरती कुमारी, वैज्ञानिक ने स्वागत भाषण दिया एवं डॉ. बांडा साईनाथ, वैज्ञानिक ने धन्यवाद ज्ञापन दिया |
पटना (रजनीश के झा)। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर में दिनांक 17 सितम्बर 2024 को “नवनियुक्त तकनीकी और प्रशासनिक कर्मियों के लिए अभिविन्यास प्रशिक्षण : तत्पर, दक्ष एवं समृद्ध” विषय पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ संस्थान के निदेशक डॉ. अनुप दास की अध्यक्षता में हुआ | इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. ए.के. ठाकुर, निदेशक (प्रसार शिक्षा), बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, पटना और डॉ. ए.के. सिंह, निदेशक (अनुसंधान), बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर उपस्थित थे। संस्थान के निदेशक डॉ. अनुप दास ने ‘कर्म ही पूजा है’ का ज्ञान देते हुए कहा कि हम सभी को विज्ञान, समाज और संस्थान के लिए सक्रियता से अपना योगदान देना चाहिए | साथ ही, उन्होंने विनम्रता और सद्भावना के महत्व पर भी प्रकाश डाला |
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