- दो कर्मचारियों की वेतनवृद्धि रूकी, लापरवाही पर बैंक प्रशासन सख्त
यह जानकारी देते हुए बैंक के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री पी.एन. यादव ने बताया कि शाखा हकीमाबाद के निलंबित शाखा प्रबंधक श्री रमेश वारिया ने बैंक को गुमराह कर अपने आपको अनुसूचित जनजाति वर्ग का बताते हुए बैक में नौकरी हासिल की तथा दो बार पदोन्नति भी प्राप्त कर ली, जब इसकी शिकायत कलेक्टर एवं प्रशासक श्री अढायच को प्राप्त हुई तो यह तथ्य सामने आया कि अनुसूचित जनजाति वर्ग में न आते हुए भी श्री वारिया ने बैंक को गलत जानकारी देते हुए गुमराह किया और न केवल बैंक की सेवा में आए बल्कि इन्हीं गलत तथ्यों के आधार पर दो बार पदोन्नति भी प्राप्त कर ली। यह मामला सामने आने पर कलेक्टर एवं प्रशासक श्री अढायच के निर्देश पर बैंक द्वारा जांच समिति गठित कर जांच कराई गई जिसमें आरोप सत्य पाए जाने पर श्री वारिया को स्टाफ उप समिति के निर्णय अनुसार सेवा से पृथक कर दिया गया है। इसी प्रकार शाखा-हकीमाबाद में पदस्थ रहते हुए बिना किसी सक्षम स्वीकृति के निर्माण कार्य कराए जाने के मामले में भी श्री वारिया की दो वेतनवृद्धि स्थाई रूप से रोकने का निर्णय भी लिया गया है।
इसी तरह एक मामले में सहायक लेखापाल श्री दिनेश सोलंकी द्वारा शाखा- श्यामपुर में अपनी पदस्थी के दौरान वित्तीय अनियमितता किए जाने के मामले में जांच में सत्यता पाए जाने पर श्री सोलंकी की दो वार्षिक वेतनवृद्धि स्थाई रूप से रोके जाने का निर्णय लिया गया है और धारा-64 में रूपए 1191000/-की वसूली हेतु वाद दायर करने तथा वसूली न होने पर श्री सोलंकी की जवाबदेही नियत कर वसूली की कार्यवाही का निर्णय लिया गया है। बैंक में भृत्य पद पर पदस्थ श्री कैलाश धनगर द्वारा प्रधान कार्यालय में पदस्थी के दौरान कदाचरण की शिकायत प्राप्त हुई, इस संबंध में आरोप प्रमाणित होने पर व्यक्तिगत सुनवाई में क्षमा याचना करने पर श्री धनगर को दो वार्षिक वेतनवृद्धि रोके जाने के दण्ड से दण्डित किया गया है। बैंक के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री यादव ने बताया कि कलेक्टर एवं प्रशासक श्री अढायच ने बैंक के दोषी कर्मचारियों पर सख्त कार्यवाही करते हुए सभी कर्मचारियों को अपने कर्तव्यों के प्रति पूर्ण ईमानदारी से कार्य करने के लिए सचेत किया है। उन्होंने कहा कि बैंक द्वारा किसी भी कर्मचारी को गलत कार्य में लिप्त पाए जाने पर बख्शा नहीं जाएगा इसलिए सभी बैंक कर्मचारी पूर्ण निष्ठा एवं ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें।
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