- रेत व्यवसाय और परिवहन में चल रही समस्याओं के निराकरण के लिए दिया कलेक्टर के नाम ज्ञापन
ट्रेक्टर वाले नहीं देते कोई टैक्स
रेत कारोवारियों ने कहा कि पिछले कई समय से ट्रेक्टर ट्राली द्वारा नर्मदा नदी से रेत का परिवहन किया जा रहा है। जबकि ट्रेक्टर ट्राली कृषि उपयोग के लिए शासन द्वारा अधिकृत है और किसी भी प्रकार का कोई टैक्स नही लगता है ट्रेक्टर ट्राली कमर्शियल व्यीकल में नहीं आते है और ना ही इनके द्वारा टेक्स जमा किया जाता है। जबकी डंपर ट्रक मालिकों रेत परिवहनकर्ताओं को अनेक प्रकार के टैक्स खनिज विभाग, परिवहन विभाग सहित अन्य विभागों को देने होते है।
सभी को दी जाए बराबर रेत
रेत कारोवारियों ने कहा कि सीहोर रोड पर आने वाले सभी रेत वाहनो को लाडकुई नाके पर ही चेक किया जाऐं और सभी वाहनों में कम ज्यादा रेत न देते हुए बराबर मात्रा में रेत दी जाए जिस से की बाद में कोई भी विवाद की स्थिति उत्पन्न नही हो एल.पी 6 पहियों वाहन और 10 पहियों वाहन को जितनी मात्रा में डंपरों को रेत दी जाती है उतनी ही मात्रा में एल पी ट्रालो को रेत दी जाऐं जिससे की हमारा रेत व्यवसाय सुचारू रूप से जारी रहे।
डंपरों को खड़ा कर करेंगे हडताल
नियमों के उल्लंघन होने पर भारी भरकम जुर्माना भी रेत कारोवारियों से वसूला जाता है इन विकट हालातों के कारण रेत कारोबार काफी घाटे का काम हो गया है एैसे में रेत का परिवहन बड़े स्तर पर ट्रेक्टर ट्राली से किया जा रहा है जिस कारण काफी दिक्कतों का सामना रेत कारोवारियों को करना पड़ रहा है। ट्रेक्टर ट्रालीयों के कारण हम सभी रेत व्यापारियों मोटर मालिकों का व्यवसाय प्रभावित हो गया है। ट्रेक्टर ट्रालियों की रायलटी कंपनी के द्वारा बंद नहीं की जाती है तो रेत कारोवारियों को डंपरों को रोड पर खड़ा कर हडताल करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
इन्होने उठाई है आवाज
ज्ञापन देकर रेत व्यापारी गोतम त्यागी, चेतन जाट, प्रताप राठौर,़ दिनेश गौड़, हमंत राठौर, गौरव निगोदिया, श्याम जाट, राजेंद्र सिंह, राहुल वर्मा,अमित, ऋषभ मुकेश विश्कर्मा, कासिम, इनाम खान, रहीम लाला, दिनेश प्रजापति, विजेंद्र विश्कर्मा पारिक जैन आदि ने रेत कारोवारियों के हित में आवाज उठाई है।
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