लखनऊ : स्वास्थ्य विभाग की "लाइफ लाइन", आशा एवं आशा संगिनी की डिप्टी सीएम से मुलाक़ात - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 18 सितंबर 2024

लखनऊ : स्वास्थ्य विभाग की "लाइफ लाइन", आशा एवं आशा संगिनी की डिप्टी सीएम से मुलाक़ात

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लखनऊ। आशा एवं आशा संगिनी स्वास्थ्य विभाग की रीड की हड्डी (लाइफ लाइन) है। प्राथमिक स्तर पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा ग्रामीण इलाकों का सारा कार्य आशा एवं आशा संगिनी द्वारा करवाया जाता है। जबकि इसके सापेक्ष इनको मामूली प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है, वह भी नौकरशाही की भेंट चढ़ जाती है। इस को लेकर "आल आशा एवं आशा कार्यकर्ती सेवा समिति" के राष्ट्रीय संरक्षक आशीष तिवारी के नेतृत्व में कई पदाधिकारियों ने उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक से उनके राजभवन आवस पर मुलाक़ात की और अपनी समस्याओं से अवगत कराया। समिति के राष्ट्रीय संरक्षक आशीष तिवारी ने उप मुख्यमंत्री/स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक को अवगत कराते हुए बताया कि जो प्रोत्साहन राशि 2006 में थी वही प्रोत्साहन राशि आज भी इन बहनों को प्रदान की जाती है, जबकि महंगाई कई गुना बढ़ चुकी है। आशीष तिवारी ने मांग करते हुए कहा कि आशा एवं आशा संगिनी को एक मुस्त मानदेय दिया जाए व प्रोत्साहन राशि को 2 गुना किया जाए। राष्ट्रीय अध्यक्ष पुष्पा तिवारी ने कहा कि प्रधानमंत्री मातृवंदना योजना जो आंगनबाड़ियों को दे दिया गया है, वह पुनः आशा संगिनी को वापस किया जाए, यह कार्य 2017 से आशा एवं संगिनी बहनें करती आ रही हैं। प्रदेश अध्यक्ष मनीष यादव ने बताया कि संगिनी बहनों, जिनको माह में 24 दिनों का कार्य दिया जाता है उसे बढ़ाकर 30  दिनों का किया जाए तथा सम्मानजनक वेतन दिया जाए।


उन्होंने मांग की कि संगिनी बहनों का कार्य क्षेत्र बहुत बड़ा होता है इसलिए इनको इलेक्ट्रिक स्कूटी प्रदान की जाए। वे बहने जो आशा एवं आशा संगिनी के पद पर कार्यरत थी, जनकी बीमारी अथवा दुर्घटना की वजह से असमय मृत्यु हो गई, उनके परिवार को आर्थिक मुआवजा दिया जाए तथा आशा की नियुक्ति में उनके परिवार के योग्य सदस्य को वरीयता दी जाए। आशा एवं आशा संगिनी के रिटायरमेंट के समय उनको, कम से कम 10 लाख रुपए दिए जाएं जिससे वह अपना शेष जीवन सम्मान के साथ जी पाए। आशा एवं संजनी बहनों को जो प्रोत्साहन राशि दी जाती है, उनको किस माह का भुगतान हुआ, ये जानकारी नहीं मिल पाती है। अतः उनको रसीद प्रदान की जाए। सभी आशा एवं आशा संगिनी बहनों को निशुल्क 10 लाख तक का दुर्घटना बीमा दिया जाए। 2006 से अभी तक अपना अमूल्य समय दे चुकी आशा एवं संगिनी बहनों को पेंशन योजना का लाभ दिया जाए। स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक ने संगठन की बात सुनी और उन्होंने भरोसा दिलाया कि "आल आशा एवं आशा कार्यकर्ती सेवा समिति" की सारी मांगों को सरकार गंभीरता से ले रही है और बहुत जल्द ही आशा एवं आशा संगीनियों की मांग और समस्याओं के समाधान की खुशखबरी मिलेगी। इस मौके पर संगठन के राष्ट्रीय संरक्षक आशीष तिवारी के साथ मौजूद प्रदेश पदाधिकारी उषा पटेल, संध्या सिंह, किरण कुमार, पूनम, उषा सिंह और कई आशाएं बहने उपस्थित रही हैं।

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