सरकार और निजी क्षेत्र की सक्रिय भागीदारी अंतरिक्ष कार्यक्रमों को नई ऊंचाई देने को प्रतिबद्ध : उन्नीकृष्णन - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

शुक्रवार, 20 सितंबर 2024

सरकार और निजी क्षेत्र की सक्रिय भागीदारी अंतरिक्ष कार्यक्रमों को नई ऊंचाई देने को प्रतिबद्ध : उन्नीकृष्णन

Private-sector-in-space-science
बेंगलुरु, 20 सितंबर (विजय सिंह )। "अंतरिक्ष युग, जो 50 के दशक में स्पुतनिक के लॉन्च के साथ देश में शुरू हुआ था,विगत कुछ वर्षों में निजी कंपनियों की सक्रिय भागीदारी और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के आधुनिक स्पेक्ट्रम के साथ एक वृहत परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है, विशेष रूप से 2008 में स्पेसएक्स अंतरिक्ष यान के लॉन्च के बाद इसमें तेजी आई हैI सरकार द्वारा महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष कार्यक्रमों में तेजी लाने और निजी क्षेत्र की सक्रिय भूमिका की वजह से  भारत अंतरिक्ष क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करने के लिए तैयार है, " उक्त विचार गुरुवार को, साराभाई अंतरिक्ष केंद्र के निदेशक डॉ एस उन्नीकृष्णन नायर ने, बेंगलुरु में चल रहे स्पेस एक्सपो में अपने उद्बोधन में व्यक्त किए।


भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो)के सान्निध्य में भारतीय उद्योग परिसंघ(सीआईआई)द्वारा आयोजित बेंगलुरु स्पेस एक्सपो के दूसरे दिन 'अंतरिक्ष में भविष्य की उभरती प्रौद्योगिकियां: वाणिज्यिक संभावनाएं' विषय पर सत्र में उद्घाटन भाषण देते हुए उन्होंने कहा कि सच  में "स्काई इज दि लिमिट" ही भारत के लिए अंतरिक्ष क्षेत्र की सीमा हैI कैबिनेट ने हाल ही में कई अंतरिक्ष कार्यक्रमों को मंजूरी दी है I देश में लगभग 300 अंतरिक्ष स्टार्टअप हैं और निजी ईकाईयों के  तेजी से एआई, क्वांटम कंप्यूटिंग, प्रयोज्य प्रौद्योगिकियों के आधार पर अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी नवाचारों पर मंथन कर रहे हैं, जिससे देश में इस क्षेत्रीय पारिस्थितिकी तंत्र को अधिक सुलभ, टिकाऊ और लाभदायक बनाया जा सकेगा I "अवलोकन योग्य ब्रह्मांड व्यास में आश्चर्यजनक रूप से 93 बिलियन प्रकाश वर्ष तक फैला है परंतु अभी तक  एक अंतरिक्ष यान ने सबसे दूर की यात्रा केवल 24 बिलियन किलोमीटर की है और अंतरिक्ष में एक मानव चालक दल ने सबसे दूर की यात्रा सिर्फ 400,000 किलोमीटर की है। अंतरिक्ष की इस विशालता को ध्यान में रखते हुए, अन्वेषण और विकास के लिए अकल्पनीय संभावनाएं हैं I कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, सुश्री निगार शाजी, एसोसिएट डायरेक्टर, यूआर राव सैटेलाइट सेंटर, ने कहा कि अंतरिक्ष क्षेत्र विलासिता के दायरे से अब आवश्यक प्रतिमान में परिणत हो गया है। पृथ्वी के लिए अंतरिक्ष और अंतरिक्ष के लिए अंतरिक्ष दोनों में गतिविधियों की झड़ी लग गई है I मनुष्यों को एक बहुग्रहीय प्रजाति बनाने और ब्रह्मांड की भौतिक और जैविक प्रकृति को समझने के जोर के साथ, गतिशीलता की एक नई लहर देखी जा रही है। इसरो के स्पेस एप्लीकेशन सेंटर के सहायक निदेशक सुमित सरकार ने अपने संबोधन में कहा कि स्वायत्त प्रणाली, स्वस्थानी संसाधन उपयोग, मजबूत तंत्र और सूक्ष्म जीव विज्ञान आधारित अंतरिक्ष सामग्री अनुसंधान और नवाचारों का केंद्र बन गई हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि समय की मांग के अनुरूप सार्वभौमिक संचार और नेविगेशन नेटवर्क के आधार पर एक सर्वव्यापी, सुरक्षित कनेक्टिविटी बनाने की आवश्यकता है। अंतरिक्ष क्षेत्र में चुनौतियों पर टिप्पणी करते हुए, दिगंतारा के सीओओ, राहुल रावत ने कहा, "शुरू में, विचार सिर्फ उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेजने का था,लेकिन जैसे-जैसे मानवीय समस्याओं को हल करने में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी की क्षमता को हम महसूस करते हैं, चुनौतियों का एक नया सेट उभरा कर सामने आता है। पहला यह है कि जहाज पर मानव  के लिए लॉन्च किए गए वाहनों को सुरक्षित बनाया जाए और अंतरिक्ष में काम करते समय उन्हें विकिरण से बचाया जाए और उन्हें सकुशल वापस लाया जाए। इन सभी के लिए न केवल प्रौद्योगिकी बल्कि मानक संचालन प्रक्रियाओं और सटीक दिशानिर्देशों की भी आवश्यकता है। श्री कार्तिक गोविंदासामी, सह-संस्थापक और सीटीओ, एंटारिस स्पेस ने कहा कि क्वांटम कंप्यूटिंग, हाई स्पीड डेटा, आरएफ, लेजर और उच्च परिशुद्धता नियंत्रण प्रणाली जैसे डोमेन में प्रगति की गुंजाइश बहुत बड़ी है। "हालांकि, हमें इन क्षेत्रों में प्रगति का लाभ उठाने और व्यावहारिक नवाचारों के साथ आने के लिए उपयोग के मामलों को विकसित करने की आवश्यकता है। रोहन गणपति, सीईओ और सीटीओ, बेलाट्रिक्स एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड ने उद्धृत किया कि चूंकि रासायनिक प्रणोदक कुशल नहीं हैं, और विद्युत प्रणोदन मंगल ग्रह की कक्षा से परे अच्छी तरह से काम नहीं करता है,अत: उद्योग के लिए मॉड्यूलर परमाणु रिएक्टरों के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करना महत्वपूर्ण है। स्काई सर्व के सीटीओ वत्सल ने कहा कि अंतरिक्ष क्षेत्र में एज कंप्यूटिंग के अनुप्रयोग आपदा प्रबंधन से लेकर वाइल्ड फाइल और बाढ़ निगरानी तक के क्षेत्रों की एक विस्तृत श्रृंखला पर प्रकाश डालाI एजीएम, एयरोस्पेस, एचएएल के एन बालाजी  ने लॉन्चिंग वाहनों और अंतरिक्ष यान बनाने में स्मार्ट और तेज विनिर्माण प्रक्रिया अपनाने की वकालत की।

कोई टिप्पणी नहीं: