सीहोर : जीवन जीने की कला सीखने का उचित माध्यम है भागवत कथा : पं. बाबू दास वैष्णव - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

गुरुवार, 26 सितंबर 2024

सीहोर : जीवन जीने की कला सीखने का उचित माध्यम है भागवत कथा : पं. बाबू दास वैष्णव

Bhagwat-katha-sehore
सीहोर। श्राद्ध पक्ष के अवसर पर मंडी स्थित श्री राम मंदिर के पास सात दिवसीय श्रीमद भागवत कथा ज्ञान गंगा यज्ञ का आयोजन हो रहा है। सुबह 8 बजे से 10 बजे तक गणेश पूजन, मंडल पूजन और पितरों का तर्पण कार्यक्रम भी कथा पंडाल पर किया जा रहा है। वही दोपहर 12 बजे से 4 बजे तक कथा का वाचन भी हो रहा है। सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का शुभारंभ गुरुवार को हो गया। पहले दिन कथा वाचक बाबू दास वैष्णव ने श्रोताओं को कथा का रसपान कराया। उन्होंने कहा प्रत्येक मनुष्य को पुण्य प्राप्त करने के लिए भागवत कथा सुननी चाहिए। भागवत एक कथा नहीं, बल्कि यह जीवन जीने की कला सीखने का उचित माध्यम भी है। भागवत कथा जो कोई श्रवण करेगा वह ठाकुरजी को प्राप्त करने में सफल होगा और उसके जन्म-जन्मों के मोह-माया के बंधन दूर होंगे।


श्राद्ध पक्ष में कथा का महत्व

कथा वाचक बाबू दास वैष्णव ने कहा कि श्राद्ध पक्ष में श्रीमद् भागवत कथा श्रवण करने का विशेष महत्व है। इस दौरान पितृ पक्ष में कथा सुनने और करवाने से पितरों को शांति मिलती है। वैसे भी अगर प्रतिदिन कोई मनुष्य श्रीमद् भागवत गीता का पठन अथवा श्रवण करता है तो उसे आत्मिक शांति के साथ ही कष्टों से छुटकारा मिलता है। प्रथम दिन गुरुवार को यजमान के रूप सोनू गुप्ता, गुड्डू ताम्रकार, पूरण शर्मा के साथ बड़ी संख्या में श्रद्धालु गण उपस्थित थे। 


कोई टिप्पणी नहीं: