यमुना पॉवर लिमिटेड का जे ई रिश्वत लेकर एमसीडी की सील बिल्डिगों में लगा रहा है बिजली के मीटर - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 26 सितंबर 2024

यमुना पॉवर लिमिटेड का जे ई रिश्वत लेकर एमसीडी की सील बिल्डिगों में लगा रहा है बिजली के मीटर

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नई दिल्ली। पहाड़गंज क्षेत्र में यमुना पॉवर के जे ई पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं कि वह अवैध रूप से सील बिल्डिंगों में यमुना पवार लिमिटेड के बिजली के मीटर लगवा रहा है। यह मामला तब सुर्खियों में आया जब स्थानीय निवासियों ने इसकी शिकायतें दर्ज कराई थीं। बताया गया है कि जे ई ने रिश्वत लेकर इन सील बिल्डिंगों में बिजली के मीटर लगाए हैं, जो पूरी तरह से कानून का उल्लंघन है।यमुना पवार लिमिटेड के स्थानीय व्यवसायी प्रबंधक को भी इस मामले में शिकायत दी गई थी, लेकिन इसके बावजूद स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ। क्योंकि शायद हिस्सा उनको भी मिल रहा है। अब सवाल यह उठता है कि आखिर क्यों इस तरह के भ्रष्टाचार को रोका नहीं जा रहा है। सील बिल्डिंगों में बिजली के मीटर लगाने की प्रक्रिया न केवल अवैध है, बल्कि यह स्थानीय निवासियों के लिए भी गंभीर समस्या बनती जा रही है।शिकायतकर्ताओं ने कोर्ट का भी रुख किया, लेकिन उनके अनुसार, कोर्ट के आदेशों का कोई सम्मान नहीं किया जा रहा है। यमुना पॉवर के जे ई ने न केवल कानून की धज्जियाँ उड़ाई हैं, बल्कि स्थानीय प्रशासन की कार्यवाही को भी नजरअंदाज किया है। यह स्पष्ट है कि भ्रष्टाचार की इस कड़ी में कई लोग शामिल हैं, और सवाल उठता है कि क्या कोई प्रभावी कार्रवाई की जाएगी?स्थानीय निवासी इस स्थिति से बेहद चिंतित हैं। उनका कहना है कि जब तक इस भ्रष्टाचार के खिलाफ ठोस कदम नहीं उठाए जाएंगे, तब तक हालात में सुधार होना मुश्किल है। कई लोगों ने इस मुद्दे को उठाने के लिए प्रदर्शन भी किए हैं, लेकिन इससे भी कोई ठोस नतीजा नहीं निकल सका।क्या अदालत इस मामले में संज्ञान लेगी ? यह एक बड़ा सवाल है, क्योंकि यदि कानून को लागू करने वाली संस्थाएं खुद भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई नहीं करतीं, तो लोगों का विश्वास और भी कमजोर होगा। स्थानीय निवासियों का कहना है कि वे इस मुद्दे को उठाते रहेंगे, लेकिन अब उन्हें किसी ठोस कार्रवाई की प्रतीक्षा है।इस पूरे मामले ने यह स्पष्ट कर दिया है कि केवल शिकायतें दर्ज कराने से कुछ नहीं होगा, जब तक कि सिस्टम में सुधार नहीं किया जाता। यदि भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वाले लोगों की सुनवाई नहीं होगी, तो क्या यही स्थिति बनी रहेगी? आखिरकार, इस प्रकार के भ्रष्टाचार को रोकने के लिए केवल कानूनी कार्रवाई ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि प्रशासनिक सुधार और जागरूकता भी आवश्यक है।स्थानीय निवासी अब इस मुद्दे पर एकजुट हो रहे हैं, और उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही इस भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रभावी कदम उठाए जाएंगे। अगर इस प्रकार के मामलों में उचित कार्रवाई नहीं हुई, तो यह न केवल यमुना पावर के लिए, बल्कि पूरे सिस्टम के लिए एक बड़ा सवाल होगा कि आखिर कौन रुकेगा भ्रष्टाचार ? यह आने वाले समय में पता चल सकेगा।

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