वाराणसी : काशी में गंगा का रौद्र रूप, खतरे के निशान को भी लांघा - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 18 सितंबर 2024

वाराणसी : काशी में गंगा का रौद्र रूप, खतरे के निशान को भी लांघा

  • तटवर्ती इलाकों में घूसा पानी, लोगों की दुश्वारियां बढ़ी, पलायन को मजबूर हुए हजारों लोग

Flood-varanasi
वाराणसी (सुरेश गांधी)। पहाड़ों पर इस बार मानसून में हुई जबरदस्त बारिश अब लोगों के लिए मुसीबत का सबब बन गई है. भारी बारिश के चलते इसका असर काशी में भी देखने को मिल रहा है। गंगा का जलस्तर बुधवार को खतरे के निशान को भी पार कर गया है। जिससे निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति बन गई है. कहीं कहीं शहरी इलाकों में भी बाढ़ का पानी घुस गया है. आलम ये है गलियों में भी नावें चलानी पड़ रही हैं. लोग अपने घरों को छोड़ने के लिए मजबूर हो गए हैं. केंद्रीय जल आयोग के जारी बुलेटिन के मुताबिक बुधवार को गंगा का जलस्तर शाम 06ः00 बजे 70.53 मीटर है। हालांकि 0.5 सेमी प्रति घंटा की दर से कमी दर्ज की गयी है। वाराणसी में गंगा नदी का चेतावनी बिंदु 70.26 मीटर है। खतरे का बिंदु 71.26 मीटर है। एचएफएल 73.90 मीटर है। वर्तमान में गंगा का चेतावनी बिंदु से 27 सेमी ऊपर है एवं खतरे के बिंदु से 73 सेमी नीचे है। गंगा के साथ साथ वरुणा का जलस्तर भी उफान पर पहुंच गया है.


Flood-varanasi
गंगा में बढ़ाव से उफनाई वरुणा का पानी भी घनी आबादी में चौतरफा घुस चुका है। वरुणा कॉरिडोर पूरी तरह से बाढ़ के पानी में डूब गया है। गंगा में बढ़ाव के कारण पानी लगातार गलियों व सड़कों पर फैलता जा रहा है। घाटों को छोड़कर गलियों और सड़कों से गंगा का पानी शहरी कॉलोनियों में घुसने लगा है। जलस्तर में धीमी गति से बढ़ाव बना हुआ है। बाढ़ का रामनगर किले में भी प्रवेश कर गया। वेदव्यास मंदिर में पर्यटकों का प्रवेश बंद कर दिया गया है। तटवर्ती क्षेत्र की कॉलोनियों में पानी भरने की वजह से लोग घर छोड़कर दूसरे जगहों पर रहने को विवश हैं। अस्सी घाट की गली में पानी और आगे बढ़ चुका है। मणिकर्णिका घाट की गली भी जलमग्न होने से वहां नौकाओं से शवों को अंत्येष्टि स्थल तक ले जाना पड़ रहा है। साथ ही जलावन (लकड़ी) भी गीली होने से शवदाह में परेशानी हो रही है। दशाश्वमेध घाट से पानी सड़क तक पहुंच गया था। लंका व सामनेघाट में सीवर नाले के रास्ते कॉलोनी में घुसने से लोग अपने घरों में फंस गए हैं। कॉलोनी में फंसे लोग अब पलायन करने लगे हैं। कुछ लोग राहत शिविर में रहने के लिए पहुंचे हैं। नगवां नाले से पानी घुसने से रामेश्वर वेद विद्यालय के भीतर से लेकर नाले किनारे दर्जनों से अधिक मकानों में पानी प्रवेश कर गया। घरों में पानी घुसने के बाद गोयनका विद्यालय में बने राहत शिविर में रहने के लिए लोग पहुंच गए। नगवां नाला से पानी प्रवेश करने से साकेत नगर, रोहित नगर, सरायनंदन, बटुआपुरा तक पानी भरने से नाला ओवरफ्लो कर रहा है। मारुति नगर, काशीपुरम कॉलोनी में सैकड़ो की संख्या में मकान पानी से घिर गए हैं।


Flood-varanasi
शहर के बीच से निकली वरुणा नदी की बाढ़ तटवर्ती इलाकों से लगायत रिहायशी कॉलोनी तक पहुंच चुकी है। चार दिनों में ही वरुणा नदी के जलस्तर में जबरदस्त इजाफा हुआ है। पलट प्रवाह के कारण वरुणा का पानी कैंटोंमेंट से लेकर कोनिया इलाके तक फैल चुका है। रसूलगढ़, सलारपुर, पुरानापुल, शैलपुत्री, तीनपुलिया, शक्कर तलाव, हिदायत नगर, तालीम नगर वघवानाला, मौज हाल, हुकुलगंज, ढेलवरिया, चौकाघाट इलाके में रहने वाले सैकड़ों लोगों का मकान बाढ़ में डूब गया है। वहीं मीरा घाट, तालीम नगर, ऊचवा, धोबी घाट इलाके में सुरक्षा के दृष्टिकोण से बिजली विभाग के द्वारा लाइट काट दी गई है। नक्खीघाट, तालीम नगर, हिदायत नगर, उचवा और धोबी घाट इलाका पूरी तरह से तालाब में तब्दील हो चुका है। इन तटवर्ती इलाकों में रहने वाले कमरुल निशा, नूरजहां बी, हैदर अली, मोहर्रम अली, नसरुद्दीन, युसूफ अली, कल्लू, पनारु ने बताया कि उनका घर पूरी तरह से डूब गया है। वह घर से गृहस्थी का सामान भी पूरी तरह से नहीं निकाल पाए हैं और उन्हें घर छोड़कर दूसरे स्थान पर जाना पड़ा। कुछ लोग आसपास रहने वाले रिश्तेदारों के घर में रह कर दिन काट रहे हैं तो कई बाढ़ पीड़ित जिला प्रशासन के द्वारा बनाए गए बाढ़ राहत शिविर में गुजर बसर कर रहे हैं।


राहत शिविरें सक्रिय, प्रशासन हर स्थिति से निपटने को तैयार

जिलाधिकारी के अनुसार बाढ़ में बचाव के लिए 22 नावें लगाई गई हैं। एनडीआरएफ की एक टीम एवं जल पुलिस मोटर बोट लगा कर राहत एवं बचाव कार्य कर रही है। गंगा के जलस्तर की निगरानी की जा रही है। जलस्तर बढ़ने के कारण आम जनमानस की सुरक्षा को ध्यान में रखकर नौकाओं के संचालन पर रोक लगाई गई है। जिले में 46 बाढ़ राहत शिविर बनाए गए हैं। इनमें 14 बाढ़ राहत शिविर चालू हैं। इन शिविरों में 299 परिवार के 1601 लोग निवास कर रहे हैं। नगर निगम की ओर से शिविरों में फॉगिंग कराई जा रही है। बाढ़ से तहसील सदर के 08 वार्ड सलारपुर, सरैया, हुकुलगंज, दानियालपुर, कोनिया, सिकरौल, जैतपुरा व चौकाघाट एवं 5 ग्राम रामपुर ढाब, गोबरहा, लुठा कला, रामचंदीपुर एवं मोकलपुर प्रभावित हैं। 1373 लोगों ने पड़ोसियों और रिश्तेदारों के यहां शरण ली है। 1487 किसानों की फसलें प्रभावित हैं। 3.3 हेक्टेयर जमीन का कटान हुआ है। जनपद में कुल 46 बाढ़ राहत शिविर स्थापित किये गए हैं जिनमे से 16 बाढ़ राहत शिविर क्रियाशील है जिनका विवरण निम्नलिखित है :-

1-प्राथमिक विद्यालय सालारपुर 2-प्राथमिक विद्यालय सरैया, 3-प्राथमिक विद्यालय ढेलवरिया, 4-चित्रकूट कान्वेंट स्कूल नखीघाट, 5-सिटी गर्ल्स स्कूल, बड़ी बाजार, 6-दीप्ती कान्वेंट स्कूल, हुकुलगंज, 7-नवोदय पब्लिक स्कूल, दानियालपुर, 8-रामजानकी मंदिर, ढेलवरिया, 9-तुलसी निकेतन, हुकुलगंज, 10-नवयुग विद्या मंदिर, ढेलवरिया, 11-प्राथमिक विद्यालय रामपुर ढाब, 12-जे पी मेहता इंटर कॉलेज, 13-सुभाष इंटर कॉलेज, कोनिया, 14-सरस्वती इंटर कॉलेज, हुकुलगंज, 15-प्राथमिक विद्यालय, डोमरी, 16-यूनाइटेड पब्लिक स्कूल, सरैया


उक्त बाढ़ राहत शिविरो में वर्तमान में 448 परिवा, , र के 2860 लोग आज भी निवास कर रहे हैं, अवश्यकतानुसार और बाढ़ राहत शिविर को क्रियाशील कर दिया जाएगा। उक्त बाढ़ राहत शिविरो में निवास कर रहे व्यक्तियों एवं परिवारों हेतु स्वच्छ ताज़ा गर्म भोजन, फल, दूध, पेयजल के साथ साथ समस्त मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा बाढ़ राहत शिविर में मेडिकल कैम्प स्थापित किया गया है जिसमें बाढ़ पीड़ितों का स्वास्थ्य परिक्षण किया जा रहा है। अबतक 1093 पैकेट व्त्ै 7685 क्लोरिन टेबलेट का वितरण किया जा चूका है एवं 523 लोगों का उपचार किया गया है। नगर निगम द्वारा शिविरो में फॉगिन कराई जा रही है। गंगा नदी के जलस्तर बढ़ने से वरुणा नदी में जल का उल्टा प्रवाह हो रहा है, जिसके कारण बाढ़ की स्थित उतपन्न हो गई है। जनपद में बाढ़ से कुल 7134 लोग बाढ़ से प्रभावित है। बाढ़ में बचाव हेतु जिला प्रशासन द्वारा 25 नावे लगाई गई हैं, जनपद में एनडीआरएफ की 01 टीम एवं जल पुलिस द्वारा भी मोटर बोट लगा कर राहत एवं बचाव कार्य किया जा रहा है उक्त के अतरिक्त नदियों में लगातार रैकी कर जलस्तर की निगरानी की जा रही है, जलस्तर में वृद्धि होने के कारण आम जनमानस की सुरक्षा के दृष्टिगत नौकाओ के संचालन पर रोक लगा दिया गया है। अब तक बाढ़ से प्रभावित 320 परिवार को बाढ़ राहत सामग्री एवं महिलाओं की व्यक्तिगत स्वछता हेतु 195 महिलाओं को डिग्निटी किट का वितरण किया गया है। बाढ़ से प्रभावित पशुओ हेतु भूसा की व्यवस्था की गई है, अब तक 682 कुंतल भूसा का वितरण किया गया है। बाढ़ से निपटने हेतु जिला प्रशासन पूर्ण से तैयार है। बाढ़ से राहत एवं बचाव कार्य लगातार जारी है। वर्तमान समय में तहसील सदर के 09 वार्ड सलारपुर, सरैया, हुकुलगंज, दानियालपुर, कोनिया, सिकरौल, जैतपुरा, चौकाघाट, डोमरी एवं 07 ग्राम रामपुर ढाब, गोबरहा, लुठा कला, रामचंदीपुर, मोकलपुर, शिवदशा व छोतऊना प्रभावित है। बाढ़ के दृष्टिगत अधिकारीगण द्वारा लगातार बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में भमण कर निगरानी रखी जा रहा है।


बाढ़ कंट्रोल रूम नंबर

05422508550

05422504170

9140037137

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