भोपाल : श्री कृष्ण रुकमणी विवाह के साथ कथा का समापन - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 25 सितंबर 2024

भोपाल : श्री कृष्ण रुकमणी विवाह के साथ कथा का समापन

  • व्रह्म विधि से करें विवाह :- श्री शुभम कृष्ण रसराज

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गंजबासौदा/भोपाल :  पितृपक्ष के पावन अवसर पर श्री मंशापूर्ण हनुमान मंदिर में आयोजित की जा रही श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के समापन दिवस के अवसर पर महाराज श्री ने  कथा ब्रतान्त में बतलाया कि विवाह तीन प्रकार के होते हैं जिसमें प्रथम विवाह ब्रह्म विवाह कहलाता है दूसरा विवाह गंधर्व विवाह होता है और तीसरा राक्षस विवाह होता है । आज के समय में ना तो ब्रह्म विवाह हो रहा है और  गंधर्व विवाह विधि से जो विवाह हो रहा है उसमें ना जाने कितने पिता के सपने मां के सपने दबकर रह जाते हैं । जो पिता ने सपने देखे जो माता ने सपने देखे जब बेटी किसी दूसरी कास्ट में प्रेम विवाह करती है गंधर्व विवाह करती है तो उन पिता ने जो सपने देखे हैं उसके सपने दवे के दवे रह जाते हैं । मेरी उन बहनों से उन बेटियों से यही प्रार्थना है कि गंधर्व विवाह न करके राक्षस विवाह न करके आप ब्रह्म विवाह करें । वहीं कथा व्यास रसराज ने श्री कृष्ण के 16 हजार 108 विवाहों का वर्णन किया । सुदामा चरित्र ,श्री कृष्ण रुक्मणी विवाह तथा वैराग्य के बारे में बताया कि सच्चा वैराग्य हृदय से और अंतर मन से होता है । कथा के आयोजक महंत श्री विश्वंभरदास महाराज ने कथा में सहयोग करने वाले धर्मप्रेमी सहयोगी, सातों दिवस कथा का श्रवण करने वाले श्रोतागण तथा कथा के सार व संदेशों को प्रसारित करने वाले मीडिया के बन्धुओ के साथ नगरवासियों का आभार प्रकट किया।

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