डॉ० शिबन कृष्ण रैणा
पोर्ट-ब्लेयर में स्थित "विज्ञान-केंद्र" देखने लायक है। वैज्ञानिक आविष्कारों से जुड़ी बड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां यहाँ उपलब्ध हैं। भारत के महान वैज्ञानिकों के चित्र भी एक कक्ष में सजाये गए हैं। बगल वाले कक्ष में दीवार पर टंगी एक तस्वीर ने बरबस ध्यान आकर्षित किया। आने वाले समय में अगर वैज्ञानिकों का सपना/प्रयास साकार हुआ तो अंतरिक्ष में मनुष्य-लोक की आवासीय कॉलोनी कैसी होगी? यह एक चित्र द्वारा दर्शाया गया है। चित्र कल्पना पर आधारित है पर है अद्भुत। पानी में होटल बन गए हैं, समुद्र नें ट्रेन दौड़ने लगी है, मनुष्य आकाश में उड़ने लगा है आदि-आदि जैसी अकल्पनीय बातें जब साकार हो गयीं तो अंतरिक्ष में कालोनी बने, यह सपना भी साकार क्यों नहीं हो सकता? चित्र किसी कलाकार की पैनी कल्पना का सूचक है। चित्र के नीचे दो पंक्तियों में अंग्रेजी में जो निर्देशित है, उसका अनुवाद है: ‘अंतरिक्ष में कॉलोनी अंतरिक्ष-प्रौद्योगिकी से जुड़े वैज्ञानिकों का परम लक्ष्य है। इस सपने को साकार करने में अनेक बाधाओं को पार करना बाकी है। लेकिन इस कलात्मक चित्रण ने अग्रिम रूप में इसे एक आकार दे दिया है।‘
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