पटना : जलवायु परिवर्तन के परिदृश्य में पोषण सुरक्षा हेतु कदन्न उत्पादन और प्रसंस्करण - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 16 सितंबर 2024

पटना : जलवायु परिवर्तन के परिदृश्य में पोषण सुरक्षा हेतु कदन्न उत्पादन और प्रसंस्करण

Climate-change-and-farming
पटना (रजनीश के झा)। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना में दिनांक 16 सितम्बर 2024 को "बदलते वातावरण में कदन्न उत्पादन और प्रसंस्करण" विषय पर तीन दिवसीय किसान प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ संस्थान के निदेशक डॉ. अनुप दास ने दीप प्रज्जवलित कर किया | यह कार्यक्रम आत्मा (ATMA), गया, बिहार द्वारा प्रायोजित है| डॉ. दास ने जलवायु परिवर्तन के संदर्भ में कदन्न की खेती की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया और कदन्न की प्रतिकूल मौसम की स्थिति के प्रति सहनशीलता की विशेषताएं बताईं। उन्होंने बताया कि कदन्न आवश्यक पोषक तत्वों का उत्कृष्ट स्रोत है और किसानों को फसल विविधीकरण में कदन्न को शामिल करने की सलाह दी। इसके उपरांत डॉ. कमल शर्मा ने कदन्न के स्वास्थ्य लाभों पर चर्चा की। उन्होंने कदन्न के कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स और अन्य पोषण संबंधी लाभों पर प्रकाश डाला और मानव स्वास्थ्य पर इनके सकारात्मक प्रभावों को रेखांकित किया। डॉ. एन. भक्त, पाठ्यक्रम निदेशक ने प्रशिक्षण कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी देते हुए गया जिले के जल-तनाव वाले क्षेत्रों में कदन्न की खेती के महत्व पर चर्चा की।

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कार्यक्रम के दौरान एक संवाद सत्र का आयोजन किया गया, जिसमें किसानों ने कदन्न की खेती से संबंधित अपनी समस्याएँ साझा कीं। किसानों से प्राप्त प्रतिक्रियाओं के आधार पर पाठ्यक्रम निदेशकों ने प्रशिक्षण कार्यक्रम को इन समस्याओं का समाधान करने के लिए योजना बनाई। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के पाठ्यक्रम निदेशक डॉ. संजीव कुमार, प्रमुख, फसल अनुसंधान प्रभाग, डॉ. एन. भक्त और डॉ. राकेश कुमार  हैं |  समन्वयक के रूप में डॉ. संतोष कुमार, डॉ. धीरज कुमार सिंह, डॉ. पी. के. सुंदरम, डॉ. कुमारी शुभा और डॉ. अभिषेक कुमार दुबे कार्य कर रहे हैं। इस आयोजन में कुल 26 किसानों ने भाग लिया। डॉ. राकेश कुमार, वरिष्ठ वैज्ञानिक ने धन्यवाद ज्ञापन देते हुए  उद्घाटन सत्र की सफलता में योगदान देने के लिए प्रतिभागियों और आयोजकों के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त की।

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