भोपाल : शादी समारोह में भगवान के स्वरूप बनाकर नृत्य न करवाएं :- रसराज - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

शनिवार, 21 सितंबर 2024

भोपाल : शादी समारोह में भगवान के स्वरूप बनाकर नृत्य न करवाएं :- रसराज

Bhagwat-katha-bhopal
गंजबासौदा - पावन पितृपक्ष के अवसर पर श्री मनसा पूर्ण हनुमान मंदिर बरेठ रोड पर संचालित की जा रही श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के तृतीय दिवस की अवसर पर कथा व्यास श्री शुभम कृष्ण रसराज ने आज की कथा वृत्तांत में बतलाया कि अब हमें जागरुक होने की आवश्यकता है । बहुत से जागरण हो रहे हैं पर जागरणों में  ब्याह शादियों में पार्टीयो में भगवान का स्वरूप बनाकर के उनको नचाया जा रहा है हम अभी इतने बड़े नहीं हुई कि हमारे आगे हमारे राम हमारे कृष्ण हमारे आराध्याय नृत्य करें और हम उनके नृत्य पर ताली बजाये । हमारा सनातनी कहां सोया हुआ है कभी हमारे कृष्ण का उपहास उड़ाया जाता है । कभी हमारे गणेश जी को टोपी पहना करके हमारे धर्म का मजाक उड़ाया गया इसलिए अब हम सभी सनातनियों को जगाने की आवश्यकता है एकजुट होकर के अब हम सभी लोगों को राम राज्य  की स्थापना करनी होगी । अपनी सनातन धर्म की मर्यादा को बचा कर चले श्रीमद् भागवत कथा के आयोजक महंत श्री विशंभर दास जी महाराज ने बताया कि हमारी जो बहन बेटियां हैं उनको मर्यादित कपड़े पहनने की आवश्यकता है ऐसे कपड़े ना पहने जिससे कि हमारी सनातन धर्म की मर्यादा भंग हो ।

कोई टिप्पणी नहीं: