तीर्थंकर पार्श्वनाथ पर जारी होगा डाक टिकट - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

शनिवार, 21 सितंबर 2024

तीर्थंकर पार्श्वनाथ पर जारी होगा डाक टिकट

Postal-ticket-jain-religion
उदयपुर,21 सितंबर, जैन धर्म के 23 वें तीर्थंकर भगवान श्री  पार्श्वनाथ  के 2900वें जन्मोत्सव और 2800वें निर्वाणोत्सव उत्सव वर्ष के अवसर पर भारत सरकार द्वारा स्मारक डाक टिकट जारी किया जाएगा। छत्तीसगढ़ राज्य के रायपुर से भाजपा सांसद बृजमोहन अग्रवाल के अनुरोध पर केंद्रीय संचार एवं उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दिनांक 11 सितंबर 2024 को पत्र के माध्यम से यह जानकारी दी। उल्लेखनीय है कि कि जैन समाज ने कुछ समय पहले केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समक्ष तीर्थंकर पार्ष्वनाथ पर स्मारक डाक टिकट जारी करने की मांग रखी थी।


श्रमण डॉ पुष्पेंद्र ने बताया कि तीर्थंकर पार्श्वनाथ का जीवन अहिंसा और करुणा का आदर्श माना जाता है। 70 वर्ष पर्यंत सम्पूर्ण भारत में अहिंसा का ध्वज लहराकर प्राणी मात्र को जागृत व प्रबुद्ध किया। अंधविश्वासों, कुरीतियों व कुटील जड़ताओं को समाप्त करके सम्यग्दर्शन के दीप घर-घर में प्रज्वलित करते हुए अहिंसा, सत्य, अस्तेय, अपरिग्रह का मार्ग दिखाया है, उन पर डाक टिकट जारी होना समस्त जैन समाज के लिए हर्ष और गौरव की बात है। ज्ञातव्य हो कि आगामी 25 दिसम्बर 2024 (पौष कृष्णा दसम) को तीर्थंकर भगवान श्री पार्श्वनाथ का 2900वां जन्म कल्याणक महोत्सव पूरे देश में हर्षोल्लास से मनाया जाएगा । उल्लेखनीय है कि सरकार द्वारा जैन धर्म पर पहला डाक टिकट 6 मई 1935 को जारी किया गया था, जिस पर कलकत्ता के शीतलनाथ जैन मंदिर का चित्र अंकित था। यह मंदिर 1868 ई. में बना था और अपनी दीवारों और छत पर दर्पणों और मीनाकारी के कलात्मक काम के लिए प्रसिद्ध है (डाक टिकट-2)। यह 1-114 आना का टिकट, राजा गॉर्ज वी के शासनकाल की रजत जयंती के उपलक्ष्य में जारी किए गए मंदिरों और तीर्थस्थलों के चार टिकटों के सेट का हिस्सा था।

कोई टिप्पणी नहीं: