पटना : माले सांसदों ने वक्फ विधेयक वापस लेने की मांग के साथ जेपीसी को भेजे सुझाव - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

गुरुवार, 12 सितंबर 2024

पटना : माले सांसदों ने वक्फ विधेयक वापस लेने की मांग के साथ जेपीसी को भेजे सुझाव

cpi-ml-mp
पटना 12 सितंबर (रजनीश के झा)। भाकपा-माले के सांसद का. राजाराम सिंह और का. सुदामा प्रसाद ने वक्फ एमेंडमेंट विधेयक 2024 को वापस लेने की मांग के साथ अपने सुझाव आज जेपीसी को भेज दिया है. सांसद का. राजाराम सिंह ने कहा कि प्रस्तावित बिल पूरी तरह पूर्वाग्रहों से ग्रसित है. यह मुस्लिम समुदाय और संविधान द्वारा हासिल उनकी धार्मिक आजादी व विश्वास पर हमला है. न्यायमूर्ति राजिंदर सच्चर समिति की 2006 की रिपोर्ट ने वक्फ को कल्याणकारी गतिविधियों में शामिल एक सामाजिक-धार्मिक संस्था के रूप में मान्यता दी थी, और आवश्यक वित्तीय और कानूनी बैकअप के साथ वक्फ बोर्डों को प्रशासनिक रूप से मजबूत करने की आवश्यकता को मान्यता दी थी. इसके विपरीत यह प्रस्तावित विधेयक हिंदुत्व की राजनीतिक विचारधारा को कानून में ढालने का एक प्रयास है. यह वक्फ बोर्ड की भूमिका, उसके अधिकार और उसकी शक्तियों में बुनियादी रूप से बदलाव कर देगा. जेपीसी को हितधारकों और संबंधित नागरिकों की प्रतिक्रिया जानने के लिए अधिक समय देना चाहिए. हम दृढ़ता से महसूस करते हैं कि संशोधन विधेयक 2024 को उसके वर्तमान स्वरूप में वापस लिया जाना चाहिए और व्यापक परामर्श के आधार पर सच्चर समिति की इच्छानुसार वक्फ संपत्तियों के प्रशासन को मजबूत और बेहतर बनाने के लिए भविष्य में मौजूदा अधिनियम में कोई भी संशोधन किया जाना चाहिए.

कोई टिप्पणी नहीं: