- डीएम अरविन्द कुमार वर्मा की अध्यक्षता में शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक हुई आयोजित, बैठक से अनुपस्थित रहिका,बासोपट्टी,कलुआही, मधेपुर,जयनगर के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के एक दिन का वेतन स्थगित करते हुए स्पष्टीकरण
मधुबनी (रजनीश के झा)। जिला पदाधिकारी अरविन्द कुमार वर्मा की अध्यक्षता में समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। डीएम ने बैठक से अनुपस्थित रहिका, बासोपट्टी, कलुआही, मधेपुर,जयनगर के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के एक दिन का वेतन स्थगित करते हुए स्पष्टीलरण पूछने का निर्देश दिया। जिलधिकारी ने कस्तुरबा कन्या विद्यालयो की समीक्षा के क्रम में मधेपुर, खजौली,बाबूबरही के कस्तूरबा विद्यालय में नामांकन के विरुद्ध छात्राओं की कम उपस्थिति पर डीएम ने गहरी नाराजगी व्यक्त किया। उन्होंने निर्देश दिया कि कस्तुरबा विद्यालयो में नामांकन के विरुद्ध शत प्रतिशत उपस्थित सुनिश्चित करे। शिक्षा कोष पर शिक्षकों की उपस्थिति के समीक्षा के क्रम में जयनगर,मधेपुर,घोघरडीहा का प्रदर्शन निम्न पाया गया। उन्होंने अनुपस्थित शिक्षकों से स्पष्टीकरण पूछने का निर्देश दिया। शिक्षा पोर्टल पर बच्चों की इंट्री की समीक्षा में लखनोर का प्रदर्शन सबसे निम्न पाया गया। जिलाधिकारी ने उपस्थित जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्देश दिया कि विद्यालयो में शतप्रतिशत छात्रों एवं शिक्षकों की उपस्थिति के साथ साथ विद्यालयो में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर विशेष रूप से फोकस करें। हमारे बच्चे हमरा कल हैं। इसलिए उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना हम सभी का दायित्व है। जिलधिकारी ने निर्देश दिया कि सभी बीईओ निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप शत प्रतिशत विद्यालयो का निरीक्षण कर प्रत्येक सप्ताह निरीक्षण रिपोर्ट ई शिक्षा कोष एप पर अपलोड करे।उन्होंने निर्देश दिया कि निरीक्षण के दौरान विद्यालय में शौचालय की स्थिति, पोशाक/ छात्रवृति, मध्यान भोजन की गुणवत्ता, पठन पाठन में गुणवत्ता सहित सभी मामलों का अनुश्रवण किया जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित शिक्षक से स्पष्टीकरण पूछते हुए उनका उक्त दिवस का वेतन रोका जाए। जिलधिकारी ने कहा कि आवंटन उपलब्ध रहने की स्थिति मेंशिक्षकों,टोला सेवक के वेतन/मानदेय भुगतान हर हाल में ससमय करे,एवं भुगतान संबधित रिपोर्ट प्रतिमाह उपलब्ध करवाना सुनिशित करे।
जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किए जाने से के क्रम में न केवल कमियों की तलाश की जाए, बल्कि उन समस्याओं के निदान के लिए आवश्यक कदम भी उठाए जाएं। ताकि, निरीक्षण को प्रभावी बनाते हुए सकारात्मक परिणाम हासिल किया जा सकें। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी परिस्थिति में विद्यालयों में मध्याह्न भोजन बंद नहीं रहना चाहिए। विद्यालय शिक्षा समिति का गठन न होना या रसोई गैस की अनुपलब्धता जैसे कारण स्वीकार नहीं किए जाएंगे।उन्होंने कहा कि शत प्रतिशत विद्यालयो में एपीजी से भोजन बनाना सुनिश्चित करे। उन्होंने जिले में ऐसे सभी विद्यालयों जिसके भवन जर्जर हैं और उनमें पठन पाठन से बच्चों के हित का नुकसान हो रहा है,ऐसे विद्यालयो की अविलम्ब सूची उपलब्ध करवाना सुनिश्चित करे ताकि शीघ्र अग्रेतर करवाई किया जा सके। जिला पदाधिकारी द्वारा स्टूडेंट एनरोलमेंट मॉड्यूल,असैनिक कार्यो की प्रगति ,विद्यालयों में विद्युतीकरण, माध्यमिक विद्यालय विहीन पंचायतों में निर्माण, जल जीवन हरियाली, सीडब्ल्यूजेसी/ एमजेसी के मामले, टेक्स्ट बुक, प्रवेश उत्सव जैसे अन्य विषयों की समीक्षा भी की गई। उक्त बैठक में डीपीआरओ परिमल कुमार,जिला शिक्षा पदाधिकारी जावेद आलम, सभी जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, सहित जिले के सभी प्रखंडों के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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