सीहोर : भागवत कथा में उमड़ा आस्था का सैलाब, क्षेत्र में लगा मेला - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 13 सितंबर 2024

सीहोर : भागवत कथा में उमड़ा आस्था का सैलाब, क्षेत्र में लगा मेला

  • भगवान की प्राप्त परीक्षा से नहीं होती है। इसके लिए प्रतिक्षा करनी होगी : भागवत भूषण पंडित प्रदीप मिश्रा

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सीहोर। भगवान को प्राप्त करने के लिए आपको समर्पण, विश्वास और प्रतिक्षा करनी होगी, भगवान परीक्षा का विषय नहीं है, भगवान तो आपकी प्रतिक्षा का विषय है, जैसे माता पार्वती ने तपस्या और प्रतिक्षा कर भगवान शिव को प्राप्त किया, विदुरानी और विदुर की भाव भक्ति के कारण भगवान श्री कृष्ण ने 56 भोग छोड़कर केले के छिलके खाए और शबरी की वर्षों की प्रतिक्षा का सफल करने के लिए भगवान स्वयं उनकी कुटिया में आए। उक्त विचार शहर के बड़ा बाजार में अग्रवाल महिला मंडल के तत्वाधान में जारी संगीतमय शिवमय भागवत कथा के दूसरे दिन अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहे। इस मौके शुक्रवार को भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह सहित अन्य प्रसंग पर चर्चा की गई और झांकी भी सजाई गई थी।


कथा के दूसरे दिन पंडित श्री मिश्रा ने परीक्षा और प्रतिक्षा में अंतर की विशेषताएं बताई। उन्होंने कहा भगवान की प्राप्त परीक्षा से नहीं होती है। इसके लिए प्रतिक्षा करनी होगी। तपस्वियों ने हजारों साल तक तपस्या की तब प्रभु के दर्शन की प्रतीक्षा पूरी हुई। भगवान श्री कृष्ण जब विदुर के घर पहुंचे, तब विदुरानी अपने कार्य कर रही थी। आहट सुनकर भगवान श्री कृष्ण को देखकर भाव विभोर होगी विदुरानी भगवान श्री कृष्ण को केले छीलकर छिलके खिलाने लगी। इसी समय विदुर पहुंचे और उन्होंने देखा कि विदुरानी भगवान को छिलके खिला रही है। गुदा फेंक रही है। उन्होंने भगवान को केले का गूदा खिलाना चाहा। भगवान ने मना कर दिया और कहा जो आनंद छिलके में था। वह इस गूदे में नहीं है। विदुर जी तो अपने पूरे होश में थे। जो प्रेम विदु रानी के हृदय में था। वह विदुर जी के नहीं था। प्रभु के प्रेम में समर्पित होकर उनकी सेवा करने लगी।


जीवन में सुख की वर्षा बिना गुरुकृपा के नहीं होती

शुक्रवार को पंडित श्री मिश्रा ने कहा कि जीवन में सुख की वर्षा बिना गुरुकृपा के नहीं होती है। गुरु हमारे जीवन के पथ प्रदर्शक हैं। संशय से समाधान की यात्रा गुरु ही करवाता है। सतीमाता भगवान शिव की परीक्षा लेने के लिए जाती है। भगवान शिव कहते हैं भगवान परीक्षा से नहीं प्रतीक्षा से मिलते हैं। भगवान की आराधना करने वाला भक्त कभी दुखी नहीं रहता। भगवान हर भक्त की सुनते हैं। ईश्वर की भक्ति में शक्ति होती है। भगवान कभी भी किसी भी मनुष्य की जिंदगी का पासा पलट सकते हैं। बस भक्तों को भगवान पर विश्वास करना चाहिए और उनकी प्रतिदिन आराधना करनी चाहिए।


आज किया जाएगा वामन अवतार का वर्णन

अग्रवाल महिला मंडल की अध्यक्ष श्रीमती ज्योति अग्रवाल ने बताया कि शहर के बड़ा बाजार स्थित अग्रवाल धर्मशाला में हर साल कथा का आयोजन किया जाता है। यह 25 वां वर्ष है, शनिवार को कथा के तीसरे दिन वामन अवतार की कथा का वर्णन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कथा का श्रवण करने आ रही महिला श्रद्धालु नीले परिधन में आने की अपील की है। वहीं विठलेश सेवा समिति के द्वारा यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए निशुल्क रूप से भोजन प्रसादी आदि की व्यवस्था की गई है। 

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