अपनी साहित्यिक यात्रा के प्रारंभ में ही डॉ. प्रियंका ”प्रियांजलि” को एक ही माह में दो राज्य, दो शहरों में दो पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं क्योंकि उनकी समसामयिक रचनाओं को वरिष्ठ कवियों द्वारा सराहा जा रहा है. अपनी इस उपलब्धि पर डॉ. प्रियंका ”प्रियांजलि” ने सभी के प्रति आभार प्रकट किया और कहा कि अपनी रचनाओं के माध्यम से राजभाषा हिंदी के उन्नयन के लिए कार्य करना तथा हिंदी का व्यापक रूप से प्रचार प्रसार करना उनका उद्देश्य है। वर्तमान समय में अनेक गैर हिंदी राज्यों के लोगों को भी हिंदी से जोड़ना है और उनमें हिंदी साहित्य के प्रति रूचि जाग्रत करना है। इसके लिए नवांकुर साहित्य मनीषियों को हिंदी भाषा में सृजन के लिए प्रेरित किया जाएगा। शब्दाक्षर संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष रवि प्रताप ने बताया कि साहित्यिक कुंभ में 25 राज्यों से 120 साहित्यकार सम्मिलित हुए और सभी को अयोध्या दर्शन भी करवाए गए।
भोपाल। राजधानी की उभरती कवयित्री डॉ. प्रियंका ”प्रियांजलि” को एक माह में दो महानगरों में दो पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। उत्तरप्रदेश में आयोजित कवि सम्मेलन में देशभर से आमंत्रित प्रख्यात साहित्यकारों की उपस्थिति में डॉ. प्रियंका ”प्रियांजलि” को राष्ट्रीय शब्दाक्षर प्रतीक चिन्ह, शॉल एवं पुष्पमाला से सम्मानित किया गया। इससे पूर्व उन्हें हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में राजधानी के हिंदी भवन में संपन्न एक कार्यक्रम में निर्भया साहित्य सम्मान से पुरस्कृत किया जा चुका है।
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