क्या करें
1. यदि आप खुले में हो तो शीघ्र-अतिशीघ्र किसी पक्के मकान में शरण लें.
2. सफर के दौरान अपने वाहन में ही बने रहें.
3. समूह में न खड़े हो, बल्कि अलग-अलग खड़े रहें.
4. यदि आप जंगल में हों तो बौने एवं घने पेड़ों के शरण में चले जायें.
5. खेत में काम कर रहे हों तो पैरों के नीचे सूखी वस्तु जैसे घास, प्लास्टिक बोरा, लकड़ी रखकर शरीर को सिकोड़कर दोनों हथेलियों से कान ढंककर उकड़ूं बैठ जाएं. सर को जमीन से ना सटने दें तथा जमीन पर ना लेटें.
क्या न करें
1. खिड़कियों, दरवाजे, बरामदे के समीप तथा छत पर न जायें.
2. तालाब और जलाशय के समीप न जायें.
3. बिजली के उपकरण या तार के साथ संपर्क से बचें व बिजली के उपकरणों को बिजली के संपर्क से हटा दें.
4. ऐसी वस्तुएँ, जो बिजली की सुचालक हैं, उनसे दूर रहें.
5. बाहर रहने पर धातु से बनी वस्तुओं का उपयोग न करें. बाइक, बिजली या टेलीफोन का खंभा, तार की बाड़, मशीन आदि से दूर रहें.
6. ऊंची इमारत (मकान) वाले क्षेत्रों में शरण नहीं लें.
7. साथ ही बिजली एवं टेलीफोन के खंभों के नीचे कदापि शरण नहीं ले, क्योंकि ऊंची वृक्ष, ऊंची इमारतें एवं टेलीफोन/बिजली के खंभे आसमानी बिजली को अपनी ओर आकर्षित करते हैं.
8. पैदल जा रहें हों तो धातु की डंडी वाले छातों का उपयोग न करें.
9. यदि घर में हों तो पानी का नल, फ्रिज, टेलीफोन आदि को न छूएँ.
गौरतलब है कि जिलाधिकारी के निर्देशानुसार जिला सूचना एवं जनसंपर्क विभाग में सूचीबद्ध छह नुक्कड़ टीम जिले के विभिन्न पंचायतों की जनता को सड़क दुर्घटना, बाढ़, सर्पदंश तथा वज्रपात से संबंधित घटनाओं के बारे में अपने नुक्कड़ नाटक के माध्यम से जागरूक कर रही है. उप निदेशक परिमल कुमार ने बताया कि सभी छह टीमों द्वारा प्रतिदिन दो निर्धारित स्थानों पर नुक्कड़ नाटक का प्रदर्शन किया जाएगा. प्रस्तुति की मॉनिटरिंग हेतु ट्रेनी जिला जनसंपर्क पदाधिकारी अमन कुमार आकाश की अध्यक्षता में एक टीम गठित की गई है.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें