सीहोर : श्रद्धा भक्ति सेवा समिति के तत्वाधान में एक दीपक देश के जवानों के नाम पांच दिवसीय कार्यक्रम - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 29 अक्टूबर 2024

सीहोर : श्रद्धा भक्ति सेवा समिति के तत्वाधान में एक दीपक देश के जवानों के नाम पांच दिवसीय कार्यक्रम

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सीहोर। हर साल की तरह इस साल भी शहर के सैकड़ाखेड़ी स्थित संकल्प वृद्धाश्रम में पांच दिवसीय एक दीपक देश के जवानों के नाम कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। इस मौके पर वृद्धों के हाथों से बनाए हुए करीब 300 से अधिक मिट्टी के दीपक देश की सेवा में तैनात सैनिकों के लिए भेज गए है। कार्यक्रम का शुभारंभ जिला संस्कार मंच के संरक्षक समाजसेवी जितेन्द्र तिवारी और वृद्धाश्रम के संचालक राहुल सिंह, मनोज दीक्षित मामा सहित अन्य ने आश्रम में करीब 51 दीपक प्रज्जवलित कर दिया।


 मंच के संरक्षक श्री तिवारी ने बताया कि श्रद्धा भक्ति सेवा समिति के तत्वाधान में एक दीपक देश के जवानों और वृद्धाजनों के नाम से हर साल आयोजन किया जाता है। इसकी शुरूआत धन तेरस से की गई है। धन तेरस से पांच दिवसीय दीप पर्व का आरंभ होता है। इसके अंतर्गत शहर के आधा दर्जन से अधिक मंदिरों में भी समिति के द्वारा दीपकों को वितरण किया जा रहा है। हर मंदिर में 25-25 दीपक प्रदान किए जा रहे। इसके अलावा वृद्धजनों के द्वारा निर्मित 100 से अधिक दीपकों से 31 अक्टूबर को वृद्धाश्रम को रोशन किया जाएगा। वहीं आश्रम के संचालक श्री सिंह ने बताया कि दीपावली के उपलक्ष्य में देश की सीमा पर तैनात जवानों के हौसला बुलंद करने और देश सेवा करते हुए शहीद हुए जवानों के नाम समिति के द्वारा मंगलवार को धनतेरस के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। पहले दिन यहां पर सुबह और शाम को भजन कीर्तन का आयोजन किया गया। वहीं दीपावाली के दूसरे दिन रुप चौदस को प्रसादी का वितरण किया जाएगा। कार्यक्रम के दौरान यहां पर मौजूद पंडित सुनील पाराशर ने बताया कि धनतेरस की शाम भगवान कुबेर और धनवतंरी की पूजा के बाद यमराज के नाम का दीपक जलाया जाता है, कहते हैं कि यह दीपक जलाने से अकाल मृत्यु और दुर्घटना का भय टल जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार, किसी राज्य में हेम नामक राजा था, ईश्वर की कृपा से उन्हें एक पुत्र प्राप्त हुआ। बेटे की कुंडली में लिखा था कि शादी के चार दिन बाद राजकुमार की मृत्यु हो जाएगी, ऐसे में राजा ने उसे ऐसी जगह भेज दिया, जहां किसी लड़की की परछाई भी उस पर न पड़े लेकिन वहां उन्होंने एक राजकुमारी से विवाह कर लिया। रीति के अनुसार, विवाह के चौथे दिन यमराज के दूत राजकुमार के पास आ गए। राजकुमार की पत्नी विलाप करने लगी और दूतों से अकाल मृत्यु से बचने का उपाय जाना। दूतों ने ये सारी बातें यमराज को बताई। तब यमराज ने कहा कि मृत्यु अटल है, लेकिन धनतेरस के दिन यानी कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी के दिन जो व्यक्ति दीप प्रज्जवलित करेगा, वह अकाल मृत्यु से बच सकता है। यही वजह है कि हर साल धनतेरस पर यम का दीपक जलाने की परंपरा है। 

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