दरभंगा : डीसीई में "एनबीए Accreditation: सतत सुधार की संस्कृति का निर्माण" पर व्याख्यान - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 23 अक्तूबर 2024

दरभंगा : डीसीई में "एनबीए Accreditation: सतत सुधार की संस्कृति का निर्माण" पर व्याख्यान

Seminar-darbhanga
दरभंगा (रजनीश के झा)। कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (DCE), दरभंगा में एक महत्वपूर्ण और प्रेरणादायक व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस अवसर पर प्रोफेसर (डॉ.) निर्मल कुमार ने "NBA Accreditation: सतत सुधार की संस्कृति का निर्माण" विषय पर अपना अनुभव साझा किया। डॉ. कुमार, जो बिहार के एक प्रतिष्ठित संस्थान के पूर्व प्राचार्य रह चुके हैं, ने इस व्याख्यान में परिणाम-आधारित शिक्षा (Outcome-Based Education, OBE) की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि कैसे OBE मॉडल छात्रों को केवल शैक्षणिक योग्यता ही नहीं, बल्कि उनके रोजगार की संभावनाओं को भी बढ़ाता है, ताकि वे अपनी डिग्री पूरी करने के बाद बेहतर नौकरी के अवसर प्राप्त कर सकें।प्रो. कुमार ने एनबीए (राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड) Accreditation की प्रक्रिया पर गहन चर्चा की, जिसमें उन्होंने बताया कि यह किसी भी तकनीकी संस्थान के लिए क्यों महत्वपूर्ण है। एनबीए Accreditation संस्थान की गुणवत्ता, शिक्षण पद्धति, और छात्रों की कौशल क्षमता को प्रमाणित करता है, जिससे संस्थान की विश्वसनीयता और प्रतिष्ठा में बढ़ोतरी होती है। उन्होंने बताया कि एनबीए Accreditation प्राप्त करने के लिए संस्थान को लगातार सुधार और उन्नति की प्रक्रिया को अपनाना होगा। इसके तहत शिक्षण पद्धतियों में नवाचार, उद्योग की आवश्यकताओं के अनुसार पाठ्यक्रम का उन्नयन और छात्रों के सर्वांगीण विकास पर जोर देना होगा।उन्होंने पारंपरिक शिक्षा और आज की बदलती शिक्षा प्रणाली के बीच के महत्वपूर्ण अंतर पर भी चर्चा की। पारंपरिक शिक्षा प्रणाली में मुख्य रूप से पाठ्यक्रम को पूरा करने पर ध्यान दिया जाता था, जबकि आज के समय में शिक्षा का उद्देश्य छात्रों के समग्र विकास और उद्योग की मांग के अनुसार उनकी तैयारी करना है। डॉ. कुमार ने बताया कि आज के समय में शिक्षा का दृष्टिकोण बदल चुका है और हमें विद्यार्थियों को रोजगार योग्य बनाने पर ध्यान देना चाहिए, जिससे वे केवल परीक्षा पास करने तक ही सीमित न रहें, बल्कि उन्हें व्यावहारिक ज्ञान और कौशल प्राप्त हो।अपने व्यक्तिगत अनुभवों को साझा करते हुए, प्रो. कुमार ने बताया कि कैसे वे एक छोटे से गाँव के साधारण छात्र से लेकर बिहार के एक प्रमुख इंजीनियरिंग कॉलेज के प्राचार्य तक का सफर तय कर पाए। उन्होंने अपनी यात्रा को उदाहरण के रूप में प्रस्तुत करते हुए यह संदेश दिया कि छात्रों और शिक्षकों को निरंतर सीखने और सुधारने की प्रक्रिया में लगे रहना चाहिए।डीसीई दरभंगा के प्राचार्य प्रो. (डॉ.) संदीप तिवारी ने प्रो. कुमार का स्वागत किया और उनके अनुभव और मार्गदर्शन को संस्थान के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि प्रो. कुमार डीसीई दरभंगा के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में कार्य कर रहे हैं और उनके नेतृत्व में संस्थान निश्चित रूप से एनबीए Accreditation की दिशा में तेजी से प्रगति करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि यह व्याख्यान संस्थान के शिक्षकों के लिए बेहद लाभकारी साबित होगा, क्योंकि इससे उन्हें एनबीए Accreditation प्राप्त करने के लिए आवश्यक कदमों की स्पष्ट समझ मिलेगी. इस सत्र में संस्थान के विभिन्न शिक्षाविदों ने भाग लिया, जिनमें डॉ. चंदन, डॉ. शशि  सहित कई शिक्षक शामिल थे।

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