डॉ. जाट ने भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) के महत्त्व पर चर्चा करते हुए बताया कि यहाँ के छात्रों को प्रायोगिक प्रशिक्षण में बहुत कुछ सीखने को मिलेगा | उन्होंने सभी छात्रों का उत्साहवर्धन करते हुए बताया कि सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता है, कठिन परिश्रम से ही सफलता मिलती है | डॉ. सिंह ने छात्रों को बताया कि चुनौतियों से डरना नहीं चाहिए, बल्कि उसका डटकर मुकाबला करना चाहिए | चुनौतियों से जीवन में हम बहुत कुछ सीखते हैं | उन्होंने छात्रों को अर्ध-शुष्क उष्णकटिबंधीय क्षेत्र के लिए अंतर्राष्ट्रीय फसल अनुसंधान संस्थान (ICRISAT) में अनुसंधान संबंधी कार्यकलापों की विस्तृत जानकारी दी | संस्थान के निदेशक डॉ. दास ने बताया कि छात्र-छात्राएं अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित रहें और परिसर में अनुशासन बनाए रखें । उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि संघर्ष ही जीवन है | छात्रों का उत्साहवर्धन करते हुए उन्होंने बताया कि अनुशासन और कड़ी मेहनत से जीवन में हम हर बाधाओं को पार कर सकते हैं | इस अवसर पर छात्रों को कृषि क्षेत्र के विभिन्न विषयों के बारे में भी विस्तार से जानकारी मिली | डॉ. बांडा साईनाथ, वैज्ञानिक-सह-कोर्स लीडर, दीक्षारंभ कार्यक्रम द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ |
पटना (रजनीश के झा)। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना में आईएआरआई पटना हब के छात्रों के लिए चल रहे दीक्षारंभ कार्यक्रम के अंतर्गत दिनांक 23 अक्टूबर 2024 को संवाद सत्र का आयोजन किया, जिसमें संस्थान के निदेशक डॉ. अनुप दास के साथ अर्ध-शुष्क उष्णकटिबंधीय क्षेत्र के लिए अंतर्राष्ट्रीय फसल अनुसंधान संस्थान (ICRISAT) हैदराबाद से मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. एम. एल. जाट, वैश्विक अनुसंधान कार्यक्रम निदेशक – अनुकूल प्रक्षेत्र और खाद्य प्रणाली तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. रमेश सिंह, प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रमुख, आईडीसी भी मौजूद थे |
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