सेमीनार में बोलते हुए वनस्पति शास्त्री एवं बीएसए कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डाॅ अशोक कुमार अग्रवाल ने विद्यार्थियो को जैव विविधता के अंतर्गत मृदा पारिस्थितिकी में फंगस की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में जानकरी प्रदान की। वाइल्डलाइफ ईकोलोजिस्ट के पी सिंह ने छात्राओ को सूरसरोवर पक्षी विहार में मौजूद तितली की विभिन्न प्रजातियों और ईको-सिस्टम में इनकी भूमिका पर जानकारी दी । और कहा कि प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र को संतुलित बनाए रखने के लिए वन्य जीवों का संरक्षण आवश्यक है। बीआरडीएस के वनस्पति वैज्ञानिक डाॅ देवपाल सिंह ने छात्राओ को नेचर वाॅक में औषधीय महत्व वाली वनस्पति की पहचान करना सिखाया और कहा कि वन्य जीवों का संरक्षण पर्यावरण को स्वच्छ एवं स्वस्थ बनाने में सहायक सिद्ध होता है। वन्य जीवों का संरक्षण हमारी संस्कृति और धरोहर का अभिन्न हिस्सा है। औषधीय घरोहर में अमलतास, लैंटाना, औंगा, जंगली गोभी, नागबला, कंघी, पीली कटेली, वन करेला, जंगली तिल, जंगली पालक, जंगली तंबाकू, भूई आंवला व छोटी दूधी के औषधीय गुण प्रमुख रूप से बताए । उन्होंने बताया कि पृथ्वी पर मौजूद सभी प्रकार की वनस्पति का जीवन मृदा की गुणवत्ता पर निर्भर है इसके संरक्षण की बहुत आवश्यकता है। हमारी नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि हम वन्यजीवो के हेविटाट के संरक्षण पर विशेष ध्यान दें। कार्यक्रम में क्षेत्रीय वन अधिकारी अनामिका सिंह, वन दरोगा सुवराज सिंह, वन रक्षक राहुल, जितेंद्र सिंह, व योगेश कुमार, डॉ राजेश वर्मा, अब्दुल कलाम ,निधि यादव, अनुज, सुनीता आदि उपस्थित रहे।
मथुरा (रजनीश के झा)। वन्य प्राणी सप्ताह भारत में प्रतिवर्ष अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में मनाया जाता है। इस सप्ताह के माध्यम से वन्य जीवों और उनके आवासों के संरक्षण के लिए व्यापक स्तर पर जागरूकता बढ़ाना है। इसके माध्यम से वन्य जीवों के प्रति हमारी जिम्मेदारी को समझने और उनके संरक्षण में अपना योगदान देने पर महत्व दिया जाता है। वन्य प्राणी सप्ताह के तहत होने वाले आयोजन आमजन को वन्य जीवों के महत्व और इकोसिस्टम में उनके महत्व को समझाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। इस पूरे सप्ताह आमजन के बीच व वन्य जीवों के महत्व को समझने, वन्य जीवों के संरक्षण, वन्य जीवों के आवासों का संरक्षण करने, वन्य जीवों के शोषण को रोकने, वन्य जीव संरक्षण के लिए समाज की भागीदारी को बढ़ाने के लिए विशेष प्रयास और जागरूकता गतिविधि को बढाने के कार्य किये जाते है। वन्यजीव सप्ताह के अंतिम दिन सूर सरोवर पक्षी विहार, कीठम, आगरा में बायोडायवर्सिटी रिसर्च एंड डवलपमेंट सोसाइटी द्वारा आयोजित बटरफ्लाई वाॅक, नेचर वाॅक और सेमीनार मे मथुरा के आरसीए गर्ल्स डिग्री कॉलेज की छात्राओं ने शामिल होकर वन्यजीव संरक्षण के महत्व को जाना।
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